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जीवनदाता Blood Donors: क्यों खास है Real Life रक्तदाताओं की Inspiring Stories

परिचय

आज जैसे कि स्वार्थी युग का दौर है, इसमें कोई बिना स्वार्थ के किसी को एक गिलास पानी तक पूछना पसंद नहीं करता, वहीं कुछ लोग ऐसा महान कार्य कर जाते हैं जो सभी के लिए प्रेरणादायक बन कर रह जाता है।
आज हम यहां Blood Donation की बात कर रहे हैं। जी हां, कुछ ऐसे Real Life Heroes हैं जो humanity में इतना आगे जा चुके हैं कि बिना किसी का धर्म जात जाने, रक्तदान कर उसकी जिंदगी बचाने के लिए तैयार हो जाते हैं।

इस लेख में आज हम आपके साथ इन blood donors की inspiring stories से अवगत कराएंगे और साथ ही आपको blood donation के महत्व और फायदों की भी जानकारी दी जाएगी।


Blood Donation का महत्व

आज के समय में रक्त की कमी आम देखने में नजर आती है। किसी को बीमारी के कारण, तो किसी को दुर्घटना में घायल होने के कारण रक्त की जरूरत होती है।
रक्त ऐसा द्रव है जो बाहरी तौर पर उपलब्ध नहीं होता। रक्त की कमी से प्रभावित व्यक्ति को उसी के ब्लड ग्रुप का रक्त चढ़ाना पड़ता है। यही कारण है कि आज के समय में रक्तदान की अहम जरूरत है।

क्योंकि अगर किसी की जान रक्त के कारण बचाई जा सके तो इससे बढ़कर humanity का कोई कार्य नहीं।
साथ ही साथ यह social service में हमारा एक कदम होता है, जो समाज में दूसरों को भी Blood Donation की प्रेरणा देता है।


Blood Donation Myths / Health Benefits

रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियां और यह कहां तक फायदेमंद

रक्तदान को लेकर लोगों के मन में बहुत सी भ्रांतियां होती हैं, जो उन्हें रक्तदान करने से रोकती हैं, जैसे कि:

  1. रक्तदान करने से शरीर कमजोर हो जाता है।
  2. रक्तदान करने से वजन बढ़ता है या घटता है।
  3. एक बार रक्तदान करने के बाद बार-बार करना पड़ता है।
  4. महिलाओं को रक्तदान नहीं करना चाहिए।
  5. रक्तदान करने से संक्रमण फैल सकता है।
  6. बुजुर्ग लोग रक्तदान नहीं कर सकते, आदि।

लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Blood Donation को लेकर ये सब भ्रांतियां इंसानी सोच का हिस्सा हैं। जबकि रक्तदान करने के बहुत सारे health benefits हैं। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कुछ ही दिनों में पूरा हो जाता है।


रक्तदान के फायदे:

  1. एक यूनिट रक्त तीन लोगों का जीवन बचाने में मददगार।
  2. नियमित रक्तदान ह्रदय स्वास्थ्य में सुधार का कारण।
  3. शरीर में नया रक्त बनने की प्रक्रिया सक्रिय होती है।
  4. मानसिक संतुष्टि और आत्मिक शांति में मददगार।
  5. रक्तदान से कैलोरी बर्न होती है।
  6. रक्तदान से पूर्व निशुल्क स्वास्थ्य जांच।
  7. समाज में प्रेरणा फैलती है।

कितनी बार रक्तदान किया जा सकता है?

  • पुरुष: हर 3 महीने में एक बार
  • महिला: हर 4 महीने में एक बार

Social Service with Humanity

रक्तदान में Real Life Heroes की प्रेरणादायक कहानियाँ

रक्तदान करना मतलब किसी को जीवन दान करना।
Blood Donors किसी की धर्म, जाति या मजहब नहीं देखते बल्कि अपने इंसानियत के जुनून को इस कदर प्यार करते हैं कि एक फोन कॉल से ही दुनिया के किसी भी कोने में जरूरतमंद को रक्त देने पहुंच जाते हैं।

Dera Sacha Sauda के अनुयाईयों का उदाहरण दिया जाए तो आप हैरान हो जाओगे।
इंसानियत से जुड़े इस कार्य में एक दो नहीं बल्कि लाखों लोग अपने गुरु Saint Dr. MSG की प्रेरणा से हर समय Blood Donation के लिए तैयार रहते हैं।

  • एक अनुयाई ने बताया कि वह Saint Dr. MSG की शिक्षा से इतना प्रभावित हुआ कि वह इस महान कार्य में हिस्सा लेने से खुद को रोक न सका। अब तक उसने 60 से भी अधिक बार रक्तदान कर humanity में एक नई inspiring story बना दी है।
  • एक अन्य अनुयाई से बातचीत से पता चला कि डॉक्टर्स की सुई से डरने वाला इंसान किस कदर अपने इस भय से निकल कर अब तक 18 से अधिक बार रक्तदान कर चुका है।

यह तो केवल दो उदाहरण हैं DSS के अनुयायियों के – आपको ऐसा सैकड़ों हजारों उदाहरण देखने और सुनने को मिल जाएंगे।

DSS Volunteers का यह जुनून देखकर इन्हें चलता फिरता “True Blood Pump” कहा जाता है।


Dera Sacha Sauda (DSS) True Blood Pump

Dera Sacha Sauda (DSS) Volunteers रक्तदान में Real Life Heroes

True Blood PumpDera Sacha Sauda (DSS) की एक अनोखी पहल है, जो विश्वभर में रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। DSS के सेवादार (volunteers) न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी नियमित रूप से रक्तदान करते हैं।
यह पहल इंसानियत की सेवा और आपातकालीन समय में जीवन बचाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।


DSS Volunteers का योगदान:

  1. दुनिया के सबसे बड़े रक्तदाता समूहों में शामिल:
    DSS के सेवादार अब तक लाखों यूनिट रक्त दान कर चुके हैं। कई बार आवश्यकता पड़ने पर कुछ ही घंटों में हजारों यूनिट एकत्र कर लिए जाते हैं।
  2. भारतीय सेना और सरकारी अस्पतालों के लिए रक्तदान:
    DSS के सेवादार नियमित रूप से भारतीय सेना, AIIMS, PGI जैसे प्रमुख अस्पतालों और ब्लड बैंकों को स्वेच्छा से रक्त प्रदान करते हैं।
  3. आपातकाल में त्वरित प्रतिक्रिया:
    किसी भी प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना या मेडिकल इमरजेंसी में, DSS volunteers का रक्तदान को लेकर महान सहयोग होता है।
  4. नेगेटिव ग्रुप्स में भी योगदान:
    DSS के पास rare और नेगेटिव ब्लड ग्रुप्स के blood donors की बड़ी टीम है, जो कभी भी उपलब्ध रहते हैं – जैसे O- और AB- ग्रुप।
  5. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज:
    DSS के रक्तदान शिविरों ने कई बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी स्थान बनाया है, जहाँ एक दिन में सबसे अधिक रक्त दान करने का रिकॉर्ड कायम किया गया।

कैसे बनें Regular Blood Donor:

  1. समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं।
  2. रक्तदान की तारीख को याद रखें
  3. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
  4. ब्लड डोनेट करने वाले ग्रुप्स से जुड़ें।
  5. रक्तदान के फायदे जानें और दूसरों को प्रेरित करें।
  6. अपने अनुभव साँझा करें।

निष्कर्ष:

Blood Donation बहुत ही महान कार्य है जो Humanity के साथ-साथ Community Service का भी हिस्सा है।
आइए मिलकर किसी की जान बचाने में अपना सहयोग दें और नियमित blood donors बनें।

“रक्त का एक कतरा, किसी के जीवन की पूरी कहानी बदल सकता है।”

World Blood Donor Day 2024: Why is World Blood Donor Day Celebrated and What is its History and Importance?

क्यों मनाया जाता है विश्व रक्तदाता दिवस और क्या है इसका इतिहास और महत्व?

हमारी जिंदगी अनमोल है, हम किसी भी तरीके से अपने जीवन को नहीं खरीद सकते। लेकिन अगर कोई इंसान रक्त के अभाव में जिंदगी और मौत से लड़ रहा हो, तो हम रक्तदान कर उस इंसान की जिंदगी बचा सकते हैं। आज के समय में बहुत से लोग रक्त के अभाव में जिंदगी गवां कर चले जाते हैं। रक्तदान करना कोई शर्म की बात नहीं है और ना ही इससे इंसान को कोई शारीरिक नुकसान होता है। बल्कि रक्तदान करने से इंसान का नया रक्त बनता है और रक्तदान करने से कई छोटी-मोटी बीमारियां दूर हो जाती हैं।

इसीलिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को इसके महत्व और इसके उद्देश्य के बारे में जानकारी हो सके। आइए जानते हैं विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को ही क्यों मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है।

History of World Blood Donor Day

(विश्व रक्तदाता दिवस का इतिहास)

विश्व रक्तदाता दिवस की शुरुआत सन् 2005 में 58वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में हुई। विश्व रक्तदाता दिवस हर साल 14 जून को मनाया जाता है। यह दिन कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने A B O ब्लड ग्रुप की खोज कर स्वास्थ्य विज्ञान में अपना महान योगदान दिया, जिसके कारण उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। तब से हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।

Theme of World Blood Donor Day 2024

(विश्व रक्तदाता दिवस 2024 का विषय)

लोगों में रक्त की महत्वता को बताने के लिए विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। हर साल यह दिन एक विषय पर आधारित होता है। इस साल विश्व रक्तदाता दिवस का विषय है – “रक्तदान के 20 वर्ष पूरे होने पर रक्तदाताओं का धन्यवाद!”

इस साल यह 20वां रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है। लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करने के लिए और इस दान का महत्व समझाने के लिए विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।

Purpose and Importance of Celebrating World Blood Donor Day

(विश्व रक्तदाता दिवस मनाने का उद्देश्य और महत्व)

इंसान होने के नाते हमारा फर्ज है कि हम मानव हित में अपना योगदान दें। विश्व रक्तदाता दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को रक्तदान कर जिंदगी बचाने के लिए प्रेरित करना है। केवल रक्त के अभाव में ही बहुत सी जानें नहीं जातीं, बल्कि बहुत सी बीमारियों के कारण जब शरीर में रक्त की कमी हो जाती है, तब भी इंसान जीवन से हाथ धो बैठता है। इसलिए लोगों को जागरूक कर रक्तदान का महत्व बताना ही रक्तदाता दिवस का उद्देश्य है।

रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी या बीमारी पैदा नहीं होती, बल्कि रक्तदान से नया रक्त 24 से 48 घंटे में बन जाता है। रक्तदान करना महत्वपूर्ण है क्योंकि जीवन किसी भी कीमत पर खरीदा या बनाया नहीं जा सकता। अगर हमारे द्वारा किए गए रक्तदान से किसी की जिंदगी बच जाए, इससे बढ़कर कोई महान कार्य नहीं।

इसलिए रक्तदान करना महत्वपूर्ण है और बहुत से लोग इस महान कार्य में अपना योगदान दे रहे हैं और नियमित रूप से रक्तदान करते हैं। बहुत सी कल्याणकारी संस्थाएं भी हैं जो रक्तदान शिविर लगा कर लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि जरूरतमंद या बीमारी से पीड़ित रक्त की जरूरत वाले मरीजों का इलाज हो सके।

Why Should We Donate Blood?

(हमें रक्तदान क्यों करना चाहिए?)

हर इंसान कोई भी कार्य करने से पहले उसके फायदे के बारे में सोचता है। ऐसे ही बहुत से लोग सोचते हैं कि हम रक्तदान क्यों करें, हमें इससे क्या फायदा होगा। रक्तदान करने से किसी की जान तो बचेगी ही, साथ में रक्तदान करने वाले इंसान को भी इसका फायदा होता है।

आइए जानते हैं रक्तदान करने के फायदे:

  • दिल की बीमारी के खतरे में कमी: रक्तदान करने से रक्तदाता को दिल की बीमारी होने की संभावना 33% कम हो जाती है और दिल का दौरा पड़ने की संभावना 88% कम हो जाती है।
  • रक्तचाप में कमी: रक्तदान करने से रक्तचाप में कमी आ जाती है।
  • नया रक्त निर्माण: रक्तदान करने से नया रक्त बनता है, जिससे रक्त से संबंधित छोटी-मोटी बीमारी खत्म हो जाती है।
  • नकारात्मक सोच में कमी: रक्तदान करने से इंसान की नकारात्मक सोच कम हो जाती है।
  • तनाव में कमी: रक्तदान करने से इंसान का तनाव कम हो जाता है।

अतः रक्तदान करने से हमें बहुत से शारीरिक और मानसिक फायदे होते हैं। इसलिए नियमित रक्तदान जरूर करें। आइए हम इस कार्य में हिस्सा लेकर किसी की जिंदगी बचाने में अपना योगदान दें। हमारे द्वारा किया हुआ एक यूनिट रक्त 3 से 4 लोगों की जिंदगी बचाने में काम आता है। तो आइए किसी की जिंदगी बचाएं और रक्तदान कर मानवता का फर्ज निभाएं।

आज 14 जून को, विश्व भर में वर्ल्ड ब्लड डोनर डे, यानी विश्व रक्त्दाता दिवस मनाया जा रहा। यह दिवस हर साल रक्त दान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए, तथा लोगों को स्वैच्छिक रक्त दान करने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए मनाया जाता है।

 

इस वर्ष का विषय- “सभी के लिए सुरक्षित रक्त”

हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईज़ेशन द्वारा इस दिन किसी 1 विषय पर ख़ास महत्त्व दिया जाता है, इस वर्ष का विषय है – “रक्तदान और सुरक्षित रक्त आधान तक सभी की पहुँच” और इसके लिए जो नारा विकसित किया गया है, वह है – “सभी के लिए सुरक्षित रक्त”। यह थीम पूरी दुनिया में अधिक लोगों को रक्त दाता बनने के लिए और नियमित रूप से रक्त दान करने के लिए प्रोत्साहित करती है। ऐसी क्रियाएं राष्ट्रीय रक्त की आपूर्ति की मजबूत नींव बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं और सभी रोगियों की रक्त की जरूरतों को पूरा करने के लिए मदद करती हैं।

हर कुछ सेकंड, किसी न किसी को, कहीं न कहीं रक्त की जरूरत होती है। रक्त और रक्त उत्पादों का आधान हर साल लाखों लोगों को बचाने में मदद करता है। रक्तदान करके आप भी अपने जीवन काल में कईं जानें बचा सकते हैं।

कौन कर सकता है रक्त दान

अच्छे स्वास्थ्य में होने पर अधिकांश लोग रक्त दे सकते हैं। रक्त दाता बनने के लिए कुछ बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करना होगा, जो इस प्रकार हैं:

-आपकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
– आपका वजन कम से कम 50 किलो होना चाहिए।
– जिस समय आप रक्त दान करते हैं उस समय आप अच्छे स्वास्थ्य में होने चाहिएं।
– अगर आपको सर्दी, फ्लू, गले में खराश, सर्दी-खराश, पेट में कीड़े या कोई अन्य संक्रमण है तो आप रक्तदान नहीं कर सकते।
– अगर आपने एक छोटी सी प्रक्रिया के लिए दंत चिकित्सक का दौरा किया है तो आपको दान करने से 24 घंटे पहले इंतजार करना होगा; प्रमुख दन्त चिकित्सा कार्य करवाने के बाद एक महीने तक प्रतीक्षा करें।
– यदि आप रक्त दान के लिए न्यूनतम हीमोग्लोबिन स्तर को पूरा नहीं करते हैं, तो आपको रक्त दान नहीं करना चाहिए। आपका हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 होना चाहिए।
– गर्भावस्था के दौरान, बच्चे के जन्म के 9 महीने बाद और यदि आप अपने बच्चे को स्तनपान कराते हैं, तो आपको रक्तदान नहीं करना चाहिए।

रक्तदान करने से आपको भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ होता है। रकतदान से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

– मानसिक तनाव कम होता है
– नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा मिलता है
– अपनेपन की भावना आती है अलगाव कम होता है
– नियमित रूप से रक्तदान करने से हृदय की बीमारी से बचाव करने वाले औसत कोलेस्ट्रॉल और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है।
– नियमित रूप से रक्तदान करने से आपका रक्तचाप भी कम हो सकता है, जो दिल के दौरे के जोखिम को तथा ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है।

डेरा सच्चा सौदा- कायम कर रहा है रकतदान के क्षेत्र में नए आयाम

जहां एक ओर दुनिया में स्वार्थ है, वहीँ दूसरी ओर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी नियमित रक्त दान करते हैं, तथा लाखों जानें बचाते हैं।
पूजनीय संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां नियमित रकतदान करने की प्रेरणा देते हैं, रक्त बनाया नहीं जा सकता, केवल मनुष्य ही मनुष्य को रक्तदान कर सकता है। गुरूजी फरमाते हैं कि रक्त के अभाव में कोई भी मृत्यु नहीं होनी चाहिए, व स्वैच्छिक रकतदान करने से हम अपने राष्ट्र की रक्त की सभी ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं।

डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों द्वारा अब तक 5.25 लाख यूनिट से अधिक रक्तदान किया जा चुका है। डेरा सच्चा सौदा द्वारा मासिक रक्तदान शिविर के अलावा समय समय पर दुनिया भर में रक्तदान किया जाता है, जिसे दुर्घटनाग्रस्त लोगों को, पुलिस, आर्मी, पत्रकारों, थैलेसीमिया के मरीजों को व ज़रूरतमंद गरीबों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

डेरा सच्चा सौदा के नाम 78 गिनीज़ विश्व रिकॉर्डों में से 4 रिकॉर्ड रक्तदान के क्षेत्र में हैं, जो कि 07 दिसंबर 2003, 10 अक्तूबर2004, 08 अगस्त 2010 व 12 अप्रैल 2014 में बनाये गए थे।

पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को श्रधांजलि देने के लिए भी डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों द्वारा 13653 यूनिट रक्तदान किया गया था। शादी हो या सालगिरह, कोई भी अवसर हो, मानवता के ये पुजारी, मानवता का भला करने से नहीं रुकते।

गर्व है हमें, कि हमारे देश में ऐसे नेक लोग हैं जो दूसरों की ज़िंदगी बचाने के लिए रक्तदान करते हैं। इन्हीं लोगों से प्रेरणा लेते हुए, इस विश्व रक्तदाता दिवस पर, आइये हम सब भी नियमित रक्तदान करने का प्रण करें, व किसी की ज़िन्दगी बचाने के पुण्य कार्य में भागीदार बनें।