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Global Day Of Parents 2024: बच्चों के जीवन में जो स्थान उनके माता-पिता होता है, उसे कोई दूसरा व्यक्ति चाहते हुए भी नहीं ले सकता।

अभिभावकों यानी माता-पिता के प्रेम, त्याग, समर्पण व करुणा को समर्पित है वैश्विक माता-पिता दिवस यानी Global Day Of Parents। प्रत्येक वर्ष 1 जून के दिन ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स के रूप में मनाया जाता है।

Importance

ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स के महत्वपूर्ण होने के कई कारण हैं। सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण, यह दिन माता-पिता के महत्व और अपने बच्चों के विकास को प्रभावित करने में माता-पिता की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, यह दिन अपने बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की भागीदारी और उनके विकास के लिए एक सुरक्षित और पोषण करने वाले माहौल के रखरखाव को बढ़ावा देता है। तीसरा, ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स माता-पिता की महत्वपूर्ण सामाजिक भूमिका का सम्मान और स्मरण करने और उनकी उपलब्धियों को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है।

History

आर्थिक और सामाजिक परिषद तथा सामाजिक विकास आयोग ने 1983 में महासचिव को परिवार से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद वैश्विक माता-पिता दिवस की शुरुआत हुई। 1994 में अंतर्राष्ट्रीय परिवार वर्ष की स्थापना की गई और 1980 के दशक में संयुक्त राष्ट्र द्वारा पारिवारिक मुद्दों पर जोर दिए जाने के परिणामस्वरूप प्रत्येक वर्ष 15 मई के दिन को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने 1 जून, 2012 को वैश्विक अभिभावक दिवस के रूप में घोषित किया। इसका पहला स्मरणोत्सव 2013 में हुआ, जो माता-पिता की भूमिका की वैश्विक मान्यता में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।

Objective of Global Day of Parents

  • इस दिन को मनाने का उद्देश्य बच्चों के जीवन में माता-पिता के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकारना है।
  • बच्चों के जीवन में माता-पिता की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाना है।
  • माता-पिता के सुख को बढ़ावा देना है।

Theme of Global Day of Parents 2024

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स के लिए एक विशेष थीम चुनी जाती है। इस बार की थीम है- ‘The Promise of Playful Parenting’ जोकि बच्चों व माता-पिता के बीच स्वस्थ रिश्ते को मज़बूत करने पर आधारित है।

How to celebrate Global Day Of Parents

  • इस Global Day Of Parents पर सभी बच्चे अपने माता-पिता के लिए समय अवश्य निकालें व उनके साथ बैठकर स्वस्थ बातचीत करें।
  • बच्चे माता-पिता के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह करें।
  • माता-पिता के साथ काम में हाथ बटाएँ।
  • बच्चे अपने माता-पिता को आज के दिन उपहार दिलाए।

इस तरह ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स पर माता-पिता के साथ रिश्तों को करें बेहतर

बच्चों के जीवन में माता-पिता एक अहम हिस्सा होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं। अपनी जिंदगी में लीन हो जाते हैं। ऐसे में आमतौर पर बच्चों और माता-पिता (Parents) के बीच दूरियां आने लगती हैं। एक समय वो भी आता है जब बच्चे समझ नहीं पाते कि कब पैरेंट्स के साथ रिश्ते में दिक्कतें आईं और कैसे इन दिक्कतों को दूर किया जाए। इस ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स पर जानिए किस तरह बच्चे अपने माता-पिता के साथ रिलेशनशिप को सुधार सकते हैं।

माता-पिता की सुने

पैरेंट्स के पास अपने भी ढेरों किस्से और बातें होती हैं जो वे अपने बच्चों से कहना चाहते हैं, उन्हें बताना चाहते हैं। लेकिन बहुत से बच्चे आज के समय में अपनी व्यस्त जीवनशैली के चलते माता-पिता की बात को सुनना तो दूर उनसे कुछ पल बैठकर बात करना भी पसंद नहीं करते। ऐसे में बच्चों को कोशिश करनी चाहिए कि वे थोड़ा समय अपने माता-पिता के लिए भी निकालें और उनसे बैठकर स्वस्थ बातचीत करें और उनकी बात सुनें।

अपने अहम को पीछे रखें

बढ़ती उम्र के बच्चों को दुनिया की बात चाहे कैसी लगे लेकिन अपने पैरेंट्स की कही बातें बुरी लगना शुरू हो जाती हैं। कई बार बच्चे अपने माता-पिता पर चिल्ला भी देते हैं और यह भी कह देते हैं कि आपने हमारे लिए किया ही क्या है। इसीलिए अपने अहम या अंहकार को पीछे रखें व पैरेंट्स ने आपके लिए जीवन में जो कुछ किया है, उसे भुलाएं ना।

पैरेंट्स के नज़रिए को समझें

अगर आप अपने माता-पिता की बात से सहमत नहीं होते हैं, तो भी उनके नज़रिए को समझना बहुत जरूरी होता है। पैरेंट्स की सलाह सुनना, उनके विचारों को सुनना और उनके अनुभव से सीखना बहुत जरूरी है। क्योंकि आज के समय में माता-पिता की बात को नकार देना या उनके नज़रिए को ना समझना रिश्तों में दरार पैदा करता है।

अपनी इच्छाओं को कम रखें

कई बार बच्चे माता-पिता को आम इंसान की तरह नहीं सिर्फ अपने पैरेंट्स की तरह देखते हैं और उनसे बहुत सी चीजों की इच्छा रखते हैं। बच्चों को यह लगता है कि माता-पिता को हमेशा बच्चों को ही देते रहना चाहिए, चाहे वह समय हो, पैसे हों या फिर अपने हिस्से की खुशियां हो। बच्चों को समझना चाहिए कि माता-पिता की अपनी भी एक ज़िंदगी है।

माता-पिता के प्रति प्यार जताना है जरूरी

सभी बच्चे अपने माता-पिता से और माता-पिता बच्चों से प्यार करते हैं। लेकिन जैसे ही बच्चे बड़े होते है, अपने माता-पिता से प्यार जताने में झिझकने लगते हैं। माता-पिता को अपना कुछ समय देकर, उनकी फिक्र करके उन्हें अपना प्यार जताया जा सकता है।

Conclusion

बच्चे के लिए उसके माता-पिता उसके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं। जो अपने बच्चे का पालन-पोषण अच्छे से अच्छे तरीक़े से करते है, बच्चों की देखभाल करते है, कोई मुसीबत आने से पहले ही सुरक्षा कवच बनकर अपने बच्चे की रक्षा करते है। ग्लोबल डे ऑफ पेरेंटस हमें अपने माता-पिता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके बलिदानों को याद करने का अवसर प्रदान करता है

Ranjeet Murder Case Special Report: डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को मिली बड़ी राहत, पूर्व मैनेजर रंजीत हत्याकांड में हाईकोर्ट ने किया बरी

Haryana News

आपकी जानकारी के लिए बता दें, आज मंगलवार का दिन बाबा राम रहीम व उनके अनुयायियों के लिए राहत भरा साबित हुआ। आज के दिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने सीबीआई कोर्ट (CBI Court) के फैसले को रद्द कर दिया है। इस मामले में डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम सहित 5 दोषियों को बरी कर दिया गया है। आपको बता दें, वर्ष 2002 में यह हत्याकांड मामला शुरू हुआ था और बाद में इस मामले को CBI को सौंपा दिया गया था।

जानिए आख़िर क्या था पूरा मामला?

यह घटना 10 जुलाई 2002 को हुई थी। डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रह चुके कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट होकर रणजीत के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। उसके बाद मामला सीबीआई (CBI) को सौंपा गया था और अक्तूबर 2021 में डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।

लगभग 22 साल पुराना मामला

इस हत्याकांड मामले में साल 2007 में कोर्ट के द्वारा आरोपियों पर आरोप तय किए गए थे। शुरूआत में इस मामले में डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम का नाम शामिल नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख राम रहीम को आरोपियों में शामिल किया गया।

डेरा चीफ़ बाबा राम रहीम को CBI Court ने सुनाई थी उम्र कैद की सजा

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को इस हत्याकांड में पंचकूला में स्पेशल सीबीआई अदालत ने 2021 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। राम रहीम के अलावा चार लोगों को भी कोर्ट ने उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी। उन्हें ये सजा 10 जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां में हुई रंजीत सिंह की गोली मारकर हत्या के मामले में सुनाई गई थी। वहीं डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके तहत आज मंगलवार (28 मई 2024) को हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस ललित बत्रा की खंडपीठ ने उन्हें बरी कर दिया।

डेरा चीफ बाबा राम रहीम के वकील ने फैसले का किया स्वागत

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सीबीआई कोर्ट के निर्णय को रद्द कर दिया। बाबा राम रहीम के वकील जतिंदर खुराना ने मीडिया से कहा, “…माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने CBI अदालत के आदेश को बदल दिया है और इसमें शामिल Baba Ram Rahim समेत पांच लोगों को बरी कर दिया है। वकील ने कहा, ‘हम इस फैसले का स्वागत करते हैं…।'”

सच की हुई जीत, रंजीत मर्डर केस में गुरमीत राम रहीम के खिलाफ केस खारिज

रंजीत सिंह मर्डर केस में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम के खिलाफ पंचकुला की सीबीआई अदालत द्वारा चलाए गए केस को खारिज कर दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने 4 अन्य व्यक्तियों को भी बरी कर दिया है।

गर्मियों में आंखों की देखभाल कैसे करें (How to Care for Your Eyes During Summer)

आंखें, जिनसे हम सारा जहान देखते हैं, भगवान के द्वारा दिया हुआ सबसे अनमोल तोहफा हैं। हमारी आंखें बहुत ही नाजुक हैं, इसलिए उनकी देखभाल करना बहुत जरूरी है।

गर्मियों में आंखों की देखभाल के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। बढ़ती गर्मी में बाहर निकलने, पसीने आदि के कारण आंखों में लालिमा आदि की समस्या बढ़ जाती है। समय रहते अगर ध्यान ना दिया जाए, तो यह आंखों के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकती है।

गर्मियों में आंखों में लालिमा या संक्रमण से बचने के तरीके

गर्मियों में आंखों में लालिमा या संक्रमण से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

1. आंखों में लालिमा क्यों होती है?

डॉक्टरों के अनुसार, आंख में लालिमा बढ़ने का कारण बढ़ता तापमान भी हो सकता है। इसके कारण आंखों में संक्रमण हो सकता है और आंखें लाल हो जाती हैं। इसका परिणाम यह होता है कि आंखों के अंदर का सफेद हिस्सा लाल पड़ने लगता है। यह सब आंखों की नसों में सूजन के कारण होता है।

2. गर्मी में आंखों की लालिमा बढ़ने के कारण

– आंखों पर सीधे सूर्य की रोशनी पड़ना

सूर्य की सीधी रोशनी भी आंखों में लालिमा के बढ़ने का कारण हो सकती है। इसलिए जब भी धूप में बाहर निकलें, सनग्लास आदि लगा कर निकलें।

– अधिक पसीना आने के कारण

अधिक पसीना भी आंखों की लालिमा का कारण हो सकता है।

– धूल-मिट्टी के कारण

धूल-मिट्टी के कण आंख में जाने पर आंख को मसलना नहीं चाहिए। धूल-मिट्टी के कण आंख में जाने पर आंख में लालिमा बढ़ सकती है।

– एलर्जी रिएक्शन

– बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन

– कंजक्टिवाइटिस

गर्मी में आंखों को लालिमा और संक्रमण से बचाने के घरेलू तरीके

1. बर्फ की सिकाई

बर्फ की सिकाई आंख में लालिमा और जलन को कम करने में मदद करती है।

2. आंखों को ठंडे पानी से धोएं

कई बार पसीना आंखों में जाकर लालिमा का कारण बन जाता है। इससे बचने के लिए आंखों को दिन में तीन से चार बार ठंडे पानी से धोएं।

3. अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें

गर्मी के मौसम में जरूरी है कि आप खुद को हाइड्रेट रखें। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, क्योंकि पानी शारीरिक संक्रमण को दूर करने में मदद करता है।

4. आंखों में गुलाबजल डालें

गुलाबजल आंखों की लालिमा में राहत का काम करता है। अगर आपकी आंखों में कोई धूल का कण चला जाए, तब भी आप गुलाबजल का उपयोग कर सकते हैं।

5. अच्छा खानपान रखें

गर्मी के मौसम में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह हमारी आंखों के लिए भी जरूरी है। ज्यादा तली हुई चीजें ना खाएं। ज्यादा से ज्यादा फल, हरी सब्जियां और जूस पिएं ताकि आपकी आंखें स्वस्थ रहें।

इन तरीकों को अपनाकर आप गर्मी के मौसम में आंखों में होने वाली लालिमा को रोक सकते हैं या अगर आपकी आंखों में यह परेशानी है तो आप ऊपर लिखी बातों का ध्यान रख सकते हैं और अपनी आंखों को हमेशा स्वस्थ रख सकते हैं।

Amazing benefits of eating cucumber: Know the right time to eat cucumber, more than 100 diseases will be cured from the body.

ककड़ी खाने के अद्भुत फ़ायदे : जानिए ककड़ी खाने का सही समय, शरीर से दूर होगी 100 से अधिक बीमारियाँ

How To Eat cucumber(ककड़ी कैसे खाए):
ककड़ी खीरे की तरह दिखने वाला एक फूड है। इसे खाने से बहुत सी बीमारियों के ख़त्म किया जा सकता है। यह हमारे शरीर को सेहतमंद बनाती है। लेकिन अधिकतर लोग इसको खाने का सही तरीका व सही समय नहीं जानते हैं।

ककड़ी और खीरा में अंतर-
खीरा एक हेल्दी फूड है लेकिन ककड़ी को इससे कम फायदेमंद समझने की गलती कभी ना करें। हिंदी की तरह अंग्रेजी में खीरा और ककड़ी दोनों के लिए अलग-अलग शब्द नहीं हैं। दोनों को अंग्रेज़ी भाषा में cucumber कहा जाता है। हालांकि ककड़ी में खीरे के मुकाबले पानी की मात्रा कम होती है, लेकिन विटामिन और मिनरल बहुत सारे होते हैं। आइए आज जानते है ककड़ी खाने का सही समय और सही तरीका क्या हैं।

ककड़ी को खाने का सही तरीका-
खीरे की तरह ककड़ी को सलाद बनाकर खाना चाहिए। इसकी स्मूदी भी खाने में बहुत अच्छी होती है। एक्सपर्ट्स की माने तो ककड़ी खाने का सही टाइम भोजन से पहले का होना चाहिए। बिना समय में लगने वाली भूख को कंट्रोल करने के लिए हम इसे खा सकते हैं।

ककड़ी का सेवन करने से शरीर से भागेंगी 100 से ज्यादा बीमारी
ककड़ी में कैलोरी की कमी और पानी की मात्रा ज्यादा होती है। एक शोध के मुताबिक ऐसे फूड खाने से मोटापा कम होता है। इसे बीमारियों का राजा कहा जाता है जो कि 100 से ज्यादा रोगों को जन्म दे सकता है।

जानिए गर्मी में ककड़ी खाने के अद्भुत फायदे-

गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। हर कोई चाहता है कि वह खुद को इस मौसम में गर्मी की मार से बचा कर रखे। यह मौसम ऐसा है इसमें खान-पान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। गर्मी से बचने के लिए जरुरी है, ज्यादा से ज्यादा पानी और विटामिन से भरपूर चीजों का सेवन करें। गर्मी के मौसम में बहुत से फल और सब्जियां ऐसी हैं जो इस मौसम के लिए व हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं और हमें डिहाइड्रेशन से बचाती हैं। इन्हीं में से एक है, ककड़ी।जो पानी से भरपूर होने के साथ साथ विटामिंस, पोटेशियम और फाइबर का बहुत अच्छा स्रोत है।

कब्ज की समस्या में असरदार –
ककड़ी के नियमित सेवन से कब्ज गैस और अपच जैसे पेट की समस्या से राहत मिलती है। इसमें मौजूद पानी व फाइबर पेट के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद साबित होते हैं।

हड्डियों को मजबूत बनाती है –
ककड़ी में विटामिन के पाया जाता है। जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मददगार है।

स्किन और बालों के लिए लाभकारी –
ककड़ी गर्मी में बहुत फायदेमंद है। यह केवल हमारी पाचन क्रिया को ही नहीं बल्कि हमारी त्वचा और बालों की ग्रोथ के लिए भी फायदेमंद है। ककड़ी का जूस त्वचा पर दाग धब्बे दूर कर इसे चमकदार बनाने में सहायक है।

किडनी के लिए फायदेमंद –
ककड़ी के पानी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो पोटेशियम के साथ मिलकर यूरिक अम्ल और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल कर किडनी को स्वस्थ रखता है।
इस प्रकार ककड़ी किडनी को स्वस्थ रखने में मददगार है।

ब्लड प्रेशर नियंत्रण में असरदार —
ककड़ी में पाया जाने वाला पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने सहायक है।

वजन घटाने में मददगार –
हर इंसान चाहता है कि उसका वजन कंट्रोल में रहे। इसमें ककड़ी बहुत लाभकारी है। ककड़ी में बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती है और इसमें पाया जाने वाला फाइबर काफी समय तक भूख नहीं लगने देता। इस प्रकार ककड़ी खाने से हम बार बार खाने की समस्या से बचे रहते हैं।

इसके अलावा हम इसे स्नेक्स की तरह भी खा सकते हैं।
इस प्रकार ककड़ी इस गर्मी के मौसम का में पानी और विटामिन का सबसे अच्छा स्त्रोत है। जो हमें बहुत सी बीमारियों से बचाने में सहायक है।

When and why we celebrate World Earth Day 2024

पृथ्वी जिस पर हम रहते ही नहीं बल्कि हमारे जीवन का आधार कहें, तो गलत नहीं होगा।
रहने के लिए आवास, पीने के लिए पानी, जीने के लिए अनुकूल वातावरण, खाने के लिए अन्न आदि सब कुछ हमें इस धरा से ही प्राप्त होता है। फिर हमारा भी फर्ज बनता है की हम अपनी पृथ्वी को साफ और स्वच्छ बनाए रखने में अपना योगदान दें।

World Earth Day मनाने का कारण –

आज हमारा पर्यावरण बहुत प्रदूषित हो रहा है। जो कि एक चिंता का विषय है। इसलिए पृथ्वी पर शांति बनाए रखने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया जा सके और पृथ्वी के वातावरण को शुद्ध रखा जा सके।

World Earth Day history –
हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
ऐसा क्या कारण है, कि विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है?
कहा जाता है कि सन् 1960 में, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ रही थी। विश्वविद्यालयों में छात्र प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के बहुत दोहन के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। पहली बार “22 अप्रैल 1970” को, 20 मिलियन से अधिक लोगों ने 150 देशों में अमेरिका में पहला पृथ्वी दिवस मनाया।

विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का विचार सबसे पहले सन् 1969 में यूनेस्को सम्मेलन में जॉन मैककोनेल द्वारा सोचा गया था।
इस दिन को मनाने की अवधारणा थी
“पृथ्वी का सम्मान करना” और “पृथ्वी पर शांति बनाए रखना”।

1990 में हेन्स द्वारा वैश्विक पृथ्वी दिवस का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में 140 देशों के 20 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया था। वर्तमान समय में, पृथ्वी दिवस नेटवर्क (ईडीएन) 190 देशों में 20,000 साझेदारों और संगठनों में फैला हुआ है।
22 अप्रैल की तारीख विश्व पृथ्वी दिवस के लिए आंशिक तौर पर इसलिए चुनी गई, क्योंकि यह कॉलेजों की स्प्रिंग ब्रेक और अंतिम परीक्षाओं के बीच पड़ती थी। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की ओर आकर्षित करना था ।

World Earth Day 2024 थीम –
विश्व पृथ्वी दिवस 2024 की थीम है –

इस साल विश्व पृथ्वी दिवस मनाए जाने की थीम है “Planet vs. Plastics ” अर्थात ” ग्रह बनाम प्लास्टिक”। इस थीम का उद्देश्य है पृथ्वी पर बढ़ रहे प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना। प्लास्टिक का one Time इस्तेमाल करें या इसे रिसाइकिल में इस्तेमाल करें। प्लास्टिक का केवल पृथ्वी को ही नुकसान नहीं है बल्कि कचरे में फैंकी गई प्लास्टिक पशुओं आदि जानवरों के लिए मौत का कारण बनती है। इसलिए जरूरी है हम मिलकर इस पृथ्वी दिवस पर प्लास्टिक प्रदूषण को जड़ से खत्म करने का प्रण करें और अपनी धरा को साफ और स्वच्छ बनाए।

पृथ्वी को साफ , स्वच्छ और प्रदूषण रहित बनाएं रखने के लिए अपना योगदान निम्न तरह से करें —

⁃ ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।

⁃ प्लास्टिक की जगह कपड़े और कागज के बैग इस्तेमाल करें।

⁃ जगह जगह पर कूड़ा कचरा ना फलाएं।

⁃ प्लास्टिक का इस्तेमाल वन टाइम या रिसाइकिल से करें, आदि।

जब पृथ्वी हमारे जीवन की सभी जरूरतों को पूरा करने में लगी हुई है, तो हमारा भी फर्ज है कि हम इसकी संभाल करें।

Yaad -E – Murshid Free Polio Camp

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आने वाली 18 तारीख़ को हरियाणा की एक संस्था में निःशुल्क विकलांगता निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आपको बता दें यह शिविर हर साल लगाया जाता है और सैंकड़ों लोग इस शिविर का हिस्सा बनते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें यह शिविर हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा सिरसा में लगाया जा रहा है। आपको बता दें कि यह शिविर डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज की पावन स्मृति में हर साल लगाया जाता है। जो पूर्ण रूप से निःशुल्क लगाया जाता है। इस कैंप में सभी तरह की मेडिकल सुविधा फ्री में दी जाती है।

याद-ए-मुर्शीद विकलांगता निवारण शिवर —
मानवता को सर्पित है डेरा सच्चा सौदा का निःशुल्क याद-ए-मुर्शीद विकलांगता निवारण शिवर। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Dera Sacha Sauda में यह कैंप Baba Ram Rahim ji की पावन प्रेरणा से हर साल “18 अप्रैल” को “पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज” की पावन स्मृति में लगाया जाता है। इस कैंप में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ अपनी सेवाएं फ्री में देते हैं। Dera Sacha Sauda में इस तरह के कैंप निरंतर रूप से लगते रहते हैं।

Yaad E Murshid Free Polio & Disability Correction Camp के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी –

इस कैंप के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी जा रही है –

दिनांक — 18 अप्रैल 2024
समय -सुबह 9:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक

स्थान — शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल , सिरसा (हरियाणा) 125055

फोन नं — 01666- 260222, 97288- 60222

Baba Ram Rahim के मार्गदर्शन में DSS में disability camp की तरह और भी अन्य मासिक कैंप लगाए जाते हैं।

रक्तदान शिविर, फ्री मेडिकल कैंप, याद -ए – मुर्शीद फ्री Eye camp आदि Dera Sacha Sauda में लगने वाले कैंप मानवता को समर्पित हैं। अगर आपके आस-पास कोई भी शारीरिक रूप से विकंलाग है और आर्थिक रूप से अपना इलाज करवाने में असमर्थ है, तो आप उन्हें इस शिविर की जानकारी दें, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस कैंप का हिस्सा बन सके।

Eid-ul-Fitar 2024: Significance and Celebrations:

मुस्लिमों के लिए ईद का त्योहार बहुत ही खास होता है। इसे दुनियाभर में मुसलमान अपने अपने तरीके से नमाज अदा करके मानते हैं। वर्ष 2024 की पहली ईद इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार माह ए रमजान पूरा होने के बाद शावल की पहली तारीख को मनाया जाता है। इसे ईद उल फितर, ईद अल फितर, रमजान ईद या मीठी ईद आदि नामों से भी जाना जाता है।

Eid -ul -Fitar Meaning – ईद-उल-फितर का अर्थ है: ‘व्रत तोड़ने का त्योहार’। यह रमजान के अंत का प्रतिक है। ईद-उल-फितर की तारीख “चंद्रमा के चक्र” से तय होती है। इस दिन मुसलमान न केवल उपवास की समाप्ति का जश्न मनाते हैं, बल्कि पूरे रमज़ान के दौरान उन्हें दी गई मदद और शक्ति के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं।
Eid -ul -Fitar Celebration – ईद-उल-फितर से पहले के दिनों में, इतालवी मुसलमान इस अवसर को मनाने के लिए विभिन्न तैयारियों में जुटे होते हैं। घरों को साफ किया जाता है और सजाया जाता है । नए कपड़े खरीदे जाते हैं या सिलवाए जाते हैं और विशेष भोजन की योजना बनाई जाती है। यह उत्साह का समय है क्योंकि परिवार प्रार्थनाओं, दावतों और उत्सवों के लिए इकट्ठा होने की तैयारी करते हैं। भारत देश में आज के दिन ईद के त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से व बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। ईद का यह पवित्र पर्व सौहार्द व भाईचारे का प्रतीक होता है। आज के दिन मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़कर पूरे विश्व में शांति और अमन की दुआ करते हैं। नमाज़ पढ़ने के बाद सभी एक दूसरे के घर जाकर मुंह मीठा करते हैं और एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते हैं।
Eid -ul -Fitar Celebration Day and Date – ईद उल फितर किस महीने में और कब मनाई जाती है इसका फैसला चांद के दीदार से किया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर हिज़री के 10वें महीने शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है । अबकी बार भारत में ईद उल फितर 11 अप्रैल को मनाई जा रही है क्योंकि इसी दिन चांद दिखाई देगा। ईद के त्योहार के दिन घर पर मीठे पकवान बनाए जाते हैं। सभी के घरों में सेवियाँ बनाई जाती हैं। नए-नए कपड़े पहनकर, इत्र लगाकर, एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देना, यह सब करना, इस त्यौहार की खुशियां हैं। लेकिन सिर्फ ये काम करने से ईद पूरी नहीं होती । लोग समूहों में जाकर नमाज अदा करते हैं और एक दूसरे को गले लगकर ईद मुबारक बोलते हैं और समाज में अमन शांति के लिए अल्लाह से दुआ करते हैं।

Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri इस वर्ष 9 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। 9 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आदिशक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव शुरू हो रहा है। नवरात्रि 9 April से प्रारंभ होकर 17 April तक चलेगी। जिसमें माता के 9 स्वरूपों की आराधना की जाएगी।
पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कुष्मांडा, पांचवी स्कंदमाता, छठी कात्यायनी, सातवीं कालरात्रि, आठवी महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री यह मां दुर्गा के 9 स्वरूप हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि आती है। इसमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रत्यक्ष होती हैं। दो गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ नवरात्रि होती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि से हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत का आरंभ होता है। जिसे भक्त उल्लास पूर्वक मॉं दुर्गा की पूजा अर्चना करके मानते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 14 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास है। यह महीना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महीना होता है। इसी माह में मॉं दुर्गा की पूजा का विशेष त्यौहार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। इससे यह पर्व और भी अधिक विशेष हो गया है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होना सभी के लिए बेहद शुभ है। मां दुर्गा की आराधना करके नवरात्रि में आसानी से माता का आशीर्वाद पाया जा सकता है। यह भी मान्यता है कि नवरात्रि में मॉं जगदंबा धरती पर ही विराजमान होती है और भक्तों का कल्याण करती हैं।

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥

चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना मुहूर्त-
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मंगलवार 9 अप्रैल 2024 को होगी। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल 2024 को रात 11:50 बजे प्रारंभ होगी और प्रतिपदा तिथि समाप्त 9 अप्रैल 2024 को रात 8:30 बजे होगी।

कलश स्थापना मुहूर्त – सुबह 6:05 बजे से 10:16 बजे तक रहेगा।
कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:57 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा।

नवरात्रि पूजा के नियम-

वास्तु शास्त्र के अनुसार नवरात्रि पूजा ( Navratri Pooja) में नियमों का पालन बहुत ही जरूरी है।

⁃ नवरात्रि पूजा में घर के ईशान कोण (उत्तर पूर्व) में कलश और माता की फोटो स्थापित करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार यह स्थान देवताओं का है इसीलिए इस दिशा में कलश स्थापना से सकारात्मकता बढ़ती है।

⁃ नवरात्रि पूजा के दौरान आप घर के मैन गेट पर लक्ष्मी माता के चरण चिन्ह लगाए जो की बेहद शुभ माने जाते है।

⁃ घर में नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए ????️ ओम का निशान घर के मुख्य द्वार पर बनाए।

⁃ नौकरी और व्यवसाय में तरक्की के लिए ऑफिस के मैन गेट पर लाल, पीले फूल डालकर एक बर्तन में जल भर कर रखें।

⁃ नवरात्रि में नौ दिनों की अखंड ज्योति जलाई जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति को दक्षिण पूर्व की दिशा में रखना शुभ होता है, इससे घर के लोगों का स्वास्थ्य उत्तम रहता है।

आदिशक्ति मॉं दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना का यह उत्सव भक्तों का कल्याण करता है और मनवांछित फल प्रदान करता है।

First Solar Eclipse : 8 अप्रैल को लगने जा रहा है इस साल का पहला सूर्य ग्रहण

First Solar Eclipse of 2024:
8 अप्रैल को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (First Solar Eclipse of 2024) लगने वाला है। यह ग्रहण विश्व के अलग-अलग स्थानों पर दिखाई देगा। खास तौर पर मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा में पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा।

क्या होता है सूर्य ग्रहण ?

चाँद के धरती और सूर्य के बीच आने के कारण लगता है सूर्य ग्रहण। चाँद सूर्य को पूर्ण या आंशिक रूप से ढक लेता है और सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती।
इस वर्ष का सूर्यग्रहण (Solar eclipse of 2024) दुनिया के तीन देशों में ही दिखाई देगा। इस पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा, सूर्य की पूरी डिस्क को ढक लेगा और दिन में अंधेरा छा जाएगा।

कहाँ और कब देखा जा सकेगा First Solar Eclipse of 2024 :
आपकी जानकारी के लिए बता दें की 8 अप्रैल को लगने वाले साल के पहले सूर्यग्रहण (First Solar Eclipse) को मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा में देखा जा सकेगा। अलग-अलग देशों के अनुसार इसकी अवधि अलग-अलग रहेगी। माना जा रहा है कि अमेरिका के टेक्सास में इसका सबसे ज्यादा असर रहेगा। टेक्सास के कुछ इलाकों में 4 मिनट 25 सेकंड तक पूर्ण सूर्यग्रहण रहेगा और अंधेरा छा जाएगा।
मैक्सिको में इसका असर 40 मिनट 43 सेकंड तक होगा। अमेरिका में यह ग्रहण 67 मिनट 58 सेकंड तक के लिए होगा और कनाडा में 34 मिनट 4 सेकंड ही इस सूर्यग्रहण को देखा जा सकेगा। बता दें कि ग्रहण के समय भारत में रात होने के कारण (रात्रि 10:08 – 1:25 बजे), इसे भारत में (in India) देखना मुमकिन नहीं होगा।

When was the First Solar Eclipse?
वैसे तो सूर्य, चंद्र, अंतरिक्ष या इनसे संबंधित खगोलीय घटनाओं की शुरुआत के बारे में जानकारी या साक्ष्य जुटा पाना संभव नहीं है। फिर भी इतिहासकारों का मानना है कि पहला सूर्यग्रहण 22 अक्तूबर, 2134 ई.पू. को प्राचीन चीन में लगा था। हालांकि इसे रिकॉर्ड नहीं किया जा सका सका था।
3 मई 1375 या 5 मार्च 1223, ई०पू० प्रमाणिक सूर्यग्रहण के सूर्यग्रहण को सबसे पहला सूर्यग्रहण (First Solar Eclipse) माना जाता है। यह ग्रहण कांस्य युग के उगारिट शहर में 3247 साल पहले दिखाई दिया था, जो कि वर्तमान सीरिया में है।

When was the solar eclipse first discovered?
अनेक्सागोरस (Anaxagoras) नामक एक ग्रीस विद्वान ने सबसे पहले सूर्य और चंद्र ग्रहण के लिए सटीक वैज्ञानिक व्याख्या प्रस्तुत की। ई०पू० के समय में ग्रहणों से संबंधित सही थ्योरी उनकी ही थी। वर्तमान में कई चीनी और ग्रीक दार्शनिकों ने ग्रहण को विस्तार से जानने के प्रयत्न किए। परंतु जोहानस केपलर ने 1605 में पूर्ण सूर्यग्रहण की प्रमाणिक व्याख्या पेश की।

Noble Gas first observed during solar eclipse?
हीलियम (Helium) एक ऐसी गैस है, जिसे 18 अगस्त, 1868 के पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सबसे पहले पाया गया। (noble gas first observed during solar eclipse) लार्कयर ने हीलियम को सूर्य के करोमोस्फीयर में पाया। गौरतलब है कि उससे पहले तक यह गैस धरती पर भी नहीं पाई गई|

How A Solar Eclipse first proved Einstein right?
सूर्य ग्रहण विज्ञानिकों को शोध, रिसर्च व खोज के नये अवसर प्रदान करते हैं। इसी कड़ी में 29 मई 1919 का सूर्य ग्रहण विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा महत्त्वपूर्ण साबित हुआ। 1919 के सूर्य ग्रहण ने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन की सामान्य सापेक्षता (General Relativity) की थ्योरी को सही साबित कर दिया था।
1915 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने रिलेटिविटी से संबंधित एक सिद्धांत प्रस्तुत किया। जिसके अनुसार तारों से निकलने वाला प्रकाश सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के कारण मुड़ जाता है। यानि की अब दिखाई देने वाले तारों का स्थान उनका वास्तविक स्थान नहीं है। उनकी यह थ्योरी 1919 के सूर्य ग्रहण ने सच साबित कर दी(solar eclipse proved Einstein right).

भारत में सूर्यग्रहण (in India) :
भारत में (in India) सूर्य और चंद्रग्रहण की सर्वप्रथम व्याख्या आर्यभट्‌ट ने की। माना जाता है कि भारत में सूर्यग्रहण को धार्मिक महत्वों के साथ जोड़ा जाता है। इस साल 8 अप्रैल का सूर्यग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा। भारत में (in India) अगला सूर्यग्रहण 2031 में देखा जा सकेगा।

Chandigarh Tourist Places: अगर आपका वीकेंड में घूमने का है प्लान, तो 2 दिनों में चंडीगढ़ की इन जगहों को कर सकते हैं आप कवर

Best Places to Visit in Chandigarh: यदि आप घूमने का सोच रहे हैं, तो चंडीगढ़ शहर में ऐसी कई जगह हैं जहां पर आप अपने वीकेंड को बहुत ही अच्छे तरीके से enjoy कर सकते हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताते हैं, जहां आप बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं और आपका ज्यादा समय भी बर्बाद नहीं होगा। चंडीगढ़ के ये स्थान बेहद शांत और खूबसूरत हैं।

Top and Famous  Chandigarh tourist places: जब भी हम घूमने की बात करते है, तो एक्साइटमेंट तो बहुत ज्यादा हो जाती है, बहुत से लोगों को घूमना बहुत पसंद होता है। लेकिन जैसे ही ट्रैवलिंग (Travelling) के बारे में सोचते है, तो लगता है कि एक से दो दिन तो सफर में ही बीत जाएंगे। घूमने का तो समय ही नहीं मिलेगा। तो घबराइए मत, यदि आप घूमना भी चाहते हैं और अपनी ट्रैवलिंग का समय भी बचाना चाहते हैं, तो ऐसी बहुत से place हैं, जो आपके शहर में मौजूद हैं। जहां जाने के लिए आपके पास समय ही समय है।

घूमते-घूमते हुए गुजारें अपना वीकेंड- यदि आप लोग चंडीगढ़ घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो यहां ऐसी कई जगहें हैं, जहां पर आप अपना वीकेंड बहुत ही अच्छी तरह से enjoy कर सकते हैं। आप किसी दूसरे शहर से आए हैं तो भी आप यहां शानदार वीकेंड गुजार सकते हैं और अगर आप चंडीगढ़ (Weekend Plan in Chandigarh) के बाहर भी आस-पास जाना चाहते हैं, तो भाई क्या ही कहने। चंडीगढ़ से कुछ ही दूरी पर कुछ हिल स्टेशन भी है, जहां जाने में आपको ज्यादा समय नहीं लगेगा।

चंडीगढ़- शांत और खूबसूरत- आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जहां आप बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां जाने पर आपका समय ज्यादा बर्बाद नहीं होगा। चंडीगढ़ की ये जगहें बेहद शांत, रोमांचक और खूबसूरत हैं। यानी की आप आराम से अपनी छुट्टियां एन्जॉय कर सकते हैं। इतना पढ़ने के बाद मन में चंड़ीगढ़ जाने के बारे में एक बार तो सोच ही लिया होगा आपने।

चंडीगढ़ में क्या है खास – आइये पहले चंडीगढ़ के बारे में कुछ जान लेते हैं। जी हां यदि आप कहीं घूमने जाने का प्लान कर रहें हैं तो जाहिर सी बात है कि आपको उस जगह के बारे में पता होना चाहिए। बहुत नहीं पर थोड़ा बहुत इतिहास जानना तो बनता है न दोस्त।
सबसे पहले आपको जानकारी के लिए बता दें कि चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब की राजधानी है। हालांकि, देश आज़ाद होने से पहले पंजाब की राजधानी लौहार हुआ करती थी, लेकिन देश की आज़ादी के बाद नई राजधानी की जरूरत पड़ी और 1947 में चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी घोषित किया गया। चंडीगढ़ का नाम यहां पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक मंदिर मां चंडी मंदिर के नाम से मिला है। ये दिल्ली से 245 किलोमीटर दूर स्थित है। देश-दुनिया के पर्यटक यहां आते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं रॉज गार्डन से और रॉक गार्डन से जो यहां सबसे ज्यादा फेमस है। जहां घूमने वालों की संख्या भी सबसे ज्यादा होती है।

रोज गार्डन (Rose Garden)- चंडीगढ़ में स्थित रोज गार्डन(Rose Garden) को एशिया(Asia) के सबसे बड़े रोज गार्डन में से एक माना जाता है। रोज गार्डन चंडीगढ़ (Chandigarh) में रॉक गार्डन के बाद सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला गार्डन है। रोज गार्डन का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के नाम पर रखा गया है। इस खूबसूरत उद्यान की स्थापना 1967 में की गई थी। यह पार्क 10 एकड़ में फैला हुआ है और यहां गुलाब की कई प्रजातियां है। इन्हें बेहद खूबसूरत तरीके से प्रदर्शित किया गया है। यहां 1600 से अधिक तरह के फूल पाए जाते हैं। आपको बता दें कि इस रॉज गार्डन में वार्षिक गार्डन फेस्टिवल भी मनाया जाता है। ये फरवरी और मार्च के दौरान एक प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम(cultural program) होता है।

आख़िर क्या है खास रोज़ गार्डन में:- यहां तरह-तरह के गुलाब के फूल मिलेंगे। यहां 32,500 किस्म के पेड़ व औषधीय पौधे मौजूद हैं। यहां लोगों के लिए जॉगिंग ट्रैक भी उपलब्ध है और लोगों को आकर्षित करने के लिए पानी का फव्वारा भी है।

रॉक गार्डन (Rock Garden)- रॉक गार्डन चंडीगढ़ शहर की जानी-मानी घूमने की जगह है। यह चंडीगढ़ की सबसे ज्यादा घूमने वाली जगहों में से एक है। यहां सबसे ज्यादा पर्यटकों का आना-जाना है। यह गार्डन मूर्तिकला, वास्तुकला और पौराणिक कथाओं का मिश्रण है। रॉक गार्डन चंडीगढ़ में स्थित 35 एकड़ की भूमि में बनाया गया एक बड़ा गार्डन है। इसकी खास बात यह है कि यह घरेलू कचरे और कई औद्योगिक वस्तुओं से बनाया गया है। इस उद्यान में चूड़ियां, चीनी मिट्टी के बर्तन, टाइलें, बोतलें और बिजली के कचरे जैसी वस्तुओं का उपयोग करके मूर्तियां बनाई गई हैं।

इतिहास- History
रॉक गार्डन के पीछे की कहानी यह है कि इसके संस्थापक नेक चंद ने 1957 में अपने खाली समय में गुप्त रूप से इस गार्डन को बनाना शुरू किया था। इस गार्डन का layout एक खोए हुए साम्राज्य की कल्पना पर आधारित है। इसमें 14 कमरे बने हुए हैं। लगभग हर त्योहार के समय रॉक गार्डन त्योहार जैसा माहौल बना देता है।

आखिर क्या खास है रॉक गॉर्डन में?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मनुष्यों और जानवरों की आकृतियां बनाने के लिए टूटे हुए कांच के टुकड़े, शौचालय के उपकरण और टूटी टाइलों का उपयोग किया गया है। रॉक गार्डन में जाने के बाद आपको ऐसा लगेगा, जैसे आप किसी गांव में आ गए हों। इसमें सुंदर झोपड़ियां बनाई गई है। यह गार्डन रोमन वास्तुकला से प्रेरित होकर बनाया गया है। यहां बच्चों के लिए झूले भी लगे हुए हैं। यहां झरने और एक्वैरियम भी बने हुए हैं, जहां हम चारों ओर घूमती हुई मछलियां भी देख सकते हैं। यहां पर एक तरह का ओपन एयर थिएटर है, जिसकी सीढ़ियों पर बैठकर आप हंसता हुआ दर्पण प्रदर्शन, एंटीक वस्तुओं की दुकान, ऊंट और रेलगाड़ी की सवारी और फूड कोड का आनंद ले सकते हैं।

पता और एंट्री फीस:
ये उद्यान चंडीगढ़ के उत्तर मार्ग, सेक्टर-1 में स्थित है। यहां पर एंट्री फीस भी है। बड़ों के लिए 30 रुपए और बच्चों के लिए- 10 रुपए ticket है।

सुखना लेक (Sukhna Lake): Sukhna Lake भी चंडीगढ़ में आकर्षण का केंद्र है। आपको बता दें सुखना लेक 3 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई है, सुखना लेक में सर्दियों के महीनों में कई विदेशी प्रवासी पक्षी, साइबेरियन, बत्तख और क्रेन का आवागमन होता है। सुखना लेक (Sukhna lake) को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय आर्द्रभूमि घोषित किया गया है। मानसून के समय यहां अधिकतर लोग यहाँ पर घूमने आते हैं। यहां पर ज़्यादातर लोग अपने परिवार को लेकर आते हैं। सुखना लेक एशिया में नौकायन व नौकायन आयोजनों के लिए प्रचलित है।

क्या खास है सुखना लेक में: Boating: यहां पर लोग सैलानी बोटिंग भी करते हैं। यहां पर आपको 2 सीटर, 4 सीटर, शिकारा बोट, सोलर क्रूज मिल जाती हैं, जिसमें बोटिंग करके आप इस लेक का आनंद उठा सकते हैं और अपने वीकेंड को यादगार बना सकते हैं।
Park: इस लेक पर पार्क भी बनाया गया है। जिसमें बच्चे ट्रेन की सवारी कर सकते हैं। यहां पर बुल राइड भी की जाती है, जो बेहद मजेदार होती है यक़ीनन यह आपको बहुत पसंद आएगी।
Food court: यहां पर खाने-पीने के लिए सिटको कैफेटेरिया, शेफ लेक व्यू और कई फूड कोर्ट बने हुए हैं।
सुखना लेक की सुंदरता को बढ़ाने के लिए यहाँ पर विभिन्न मूर्तियां भी बनाई गई हैं। यहां आपको जॉगिंग ट्रैक भी मिलेगा, जहां पर आप सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य का आनंद उठा सकते हैं।

कहां है स्थित सुखना लेक- Address
सुखना लेक(Sukhna lake) चंडीगढ़ शहर के सेक्टर-1 में स्थित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां पर जाने के लिए कोई एंट्री फीस नहीं है।

सेक्टर-17 मार्किट – Sector -17 Market
आप चंडीगढ़ घूमने आ ही गए हैं, तो मन कर रहा होगा कि थोड़ी शॉपिंग भी की जाए। चंडीगढ़ का सबसे फेमस मार्केट यहां पर सेक्टर-17 में है। शहर के बीचों-बीच होने के कारण इसे सिटी सेंटर भी कहा जाता है। यह इलाका 240 एकड़ में बना हुआ है। यहां पर आपको कई बड़े ब्रांड की दुकाने, इंटरनेशनल फूड भी मिलता है। खाने-पीने की सभी दुकानें सेक्टर-17 के बाज़ार में मिल जाती हैं।

क्या है खास यहाँ पर?
यहां एक मूवी थिएटर है। यहाँ पर स्थानीय दुकानें और अंतर्राष्ट्रीय ब्रेंड स्टोर है। शाम के म्यूजिकल फाउंटेन शो होता है, जो कि 7 बजे, 8 बजे और 09:00 बजे आयोजित किया जाता है। इन म्यूजिकल फाउंटेन शो में लोग इतने घुल जाते हैं कि वे खुद नाचने गाने लगते हैं।

चंडीगढ़ में स्थित म्यूजियम : Museum in Chandigarh

चंडीगढ़ के म्यूजियम बड़ी तेजी से पर्यटकों के लिए आकर्षणों का एक अहम हिस्सा बन रहे हैं। चंडीगढ़ में प्रतिष्ठित सरकारी संग्रहालय, आर्ट गैलरी, चंडीगढ़ के तीन वास्तुकला संग्रहालय, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, रॉक गार्डन में राग गुड़िया संग्रहालय और उच्च न्यायालय संग्रहालय लोगों के लिए इतिहास के बारे में जानने के लिए बेहद खास बनता जा रहा है। ये संग्रहालय चंडीगढ़ में घूमने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।

इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम- इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम की स्थापना वर्ष 1985 में बाल भवन परिसर में की गई थी। इसमें 25 देशों (25 countries) की विरासत गुड़ियों का संग्रह दिखाया गया है। जिसमें ऐतिहासिक, भौगोलिक कलात्मक, सामाजिक-सांस्कृतिक, फैशन डिजाइन और पोशाक विशेषताओं के साथ विदेशी और स्वदेशी गुड़िया शामिल हैं। इसमें बच्चों के लिए गुड़ियों के रंगीन आदमकद कटआउट भी हैं।
इस खबर से जुड़ी सभी जानकारी चंडीगढ़ की अधिकारिक वेबसाइट (official website) से ली गई है।