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अनुयायिओं से Social Distancing और मास्क पहने रखने  की अपील की है | डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इंसान ने माँ ,डेरा ट्रस्ट के प्रबंधक व सभी अनुयायियों के नाम एक बार फिर चिट्ठी लिखकर भेजी है। चिट्ठी में माँ को सेहत का ख्याल रखने,  जल्द आकर स्वयं माँ का इलाज कराने की बात कही है। 

इसी के साथ ही अपने अनुयायियों से सरकार के निर्देशों का पूरा पालन करने का आवेदन किया। जरूरत पड़ने पर ब्लड डोनेट करने के लिए भी कहा है । उन्होंने सभी अनुयायियों में एकता होने की खुशी जाहिर की है। सर्वधर्म का सत्कार करने के लिए भी प्रेरित किया है। 

सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है चिट्ठी। डेरा अनुयायियों में खुशी की लहर।

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बता दें कि सुनारिया से यह चिट्ठी 25 जुलाई को भेजी गई है। जोकि 27 जुलाई दिन मंगलवार को डेरा के आधिकारिक पेज से सभी के बीच शेयर की गई। जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर यह चिट्ठी खूब वायरल हो रही है। डेरा अनुयायी  चिट्ठी में अपने गुरु से मानवता की सेवा व सर्वधर्म सत्कार करने की बात को लेकर बहुत खुश हैं।

पहली चिट्ठी में बताए काढ़े का बाबा ने फिर किया जिक्र ।।

इससे पहले गुरमीत राम रहीम सिंह ने 2 महीने 11 दिन पहले यानी 14 मई को भी पत्र लिखकर भेजा था। जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु पनीर, पिस्ता व घर में प्रयोग किये जाने वाले विभिन्न पदार्थों से काढ़ा बनाकर लगातार पीते रहने को कहा था। जिसे बनाने का तरीका, सामग्री की मात्रा भी उन्होंने पत्र में लिखी थी। 

25 जुलाई को भेजी चिट्ठी में भी इस काढ़े को लगातार पीते रहने के लिए कहा गया है। इसके अलावा immunity boost up के लिए मेडिटेशन, प्राणायाम , ज्यादा समय घर बिताने को कहा है। मास्क का प्रयोग, बार-बार चेहरा न छूना, घर आते ही नहाना, कपड़ो को साफ पानी मे डालकर रखना व कपड़े बदलकर परिवार से मिलने जैसी हिदायतें दी गयी हैं। 

डेरा प्रबन्धको, अनुयायियों व सभी बच्चों में एकता को लेकर जताई खुशी।।

डेरा प्रमुख ने चिट्ठी में जसमीत इन्सां, चरणप्रीत  इन्सां, हनीप्रीत इन्सां, अमरप्रीत इन्सां, डेरे में रहने वाले सेवादार, एडम ब्लॉक सेवादार व सभी सेवादारों में गुटबाजी न होने व एकता बनी होने की खुशी जाहिर की है। आगे भी इसी तरह एक बनकर रहने के लिए कहा है। ट्रस्ट सेवादार,एडम ब्लॉक सेवादार व आश्रम के सेवादारों की लगाई ड्यूटी ।

बाबा ने अपने पत्र में ट्रस्ट, एडम ब्लॉक व आश्रम के सभी सेवादारों की ड्यूटी लगाते हुए लिखा। सभी ख्याल रखें कि साध संगत में कोई गुटबाजी न हो व एकता बनी रहे। आश्रमों का पूरा पूरा ख्याल रखें। आश्रम के जिन सेवादारो की ड्यूटी लगाई थी वो ब्लॉकों में जाकर जरूरतमंदों के लिए परमार्थ व सेवा करवाएं। 

गुरु रूप में संसार की भलाई की प्रार्थना व ताउम्र संभाल करने के साथ दिया आशिर्वाद ।।
डेरा प्रमुख ने चिट्ठी में यह भी लिखा कि वे ताउम्र ‘गुरु’ रूप में संसार की भलाई की प्रार्थना व अपने कर्तव्य का निर्वाह करते रहेंगे। 

अपने अनुयायियों को सबका भला करने, निंदा से बचने के लिए कहते हुए लिखा। हमारा ध्यान तो कुंज की तरह हमारे करोड़ो बच्चों में लगा रहता है । सतगुरु से प्रार्थना है कि आपकी हर जायज मांग पूरी करें ।

अब देखना यह है कि संत राम रहीम द्वारा आगे क्या संदेश दिया जाएगा।

नेशनल पेरेंट्स डे ( National Parents’ Day ) इस साल 26 जुलाई को मनाया जाएगा।  हर साल इसे जुलाई के चौथे रविवार को मनाया जाता है।

 माता पिता के सम्मान में मनाया जाने वाला यह दिन हमें हमारे जीवन मे उनकी भूमिका की समझ दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है ।जिंदगी के बहुत से सबक हमें माँ-बाप ही सिखाते है।
जन्म से लेकर बड़े होने तक ही नहीं सफल होने तक के सफ़र में माँ-बाप ऐसी शख्सियतें हैं जिनके साये में संतान महफ़ूज आगे बढ़ती है।संतान की सुरक्षा,जीवन के निर्माण ओर सपनों के लिए माँ-बाप के त्याग और संयम को बयां कर पाना मुश्किल है ।

पेरेंट्स से मिल रहे प्यार,अपनेपन एवं त्याग के लिए शुक्रिया जरूर कहें ।

बच्चे के पहले शिक्षक माँ-बाप ही होते हैं।माँ-बाप शिक्षित-अशिक्षित ,अमीर या गरीब हों  लेकिन उनका भाव अपनी संतान को हर क्षेत्र में खुद से आगे और अधिक सफल देखना ही होता है ।

जिंदगी का ये सफर आसान बनाने के लिए माँ-बाप का शुक्रिया करना तो बनता है क्योंकि भावनाओं का इज़हार करने से रिश्ते नई पकड़ बना लेते हैं। 

इस Parents Day उन्हें शब्दों में ,उपहार देकर या उनके लिए कुछ खास करके जरूर बताइए कि वह आपके लिए क्या स्थान रखते हैं ।

happy national parents day 2020 - Exclusive Samachar

कुछ ऐसे हो सकते हैं उपहार ओर मनाने के तरीके।

1. चूंकि किसी भी उपहार से ज्यादा अपनों के बीच मौजूदगी सबसे बड़ा उपहार है ,इसलिए सम्भव हो तो ये दिन अपने अभिभावकों के साथ ही गुजारें। 

2. इस महामारी के समय में यदि बाहर जाना संभव नहीं हो तो आप घर पर ही माता-पिता के लिए कुछ स्वादिष्ट एवं पसंदीदा व्यंजन बना सकते हैं।उनके साथ खाना पकाकर भी आप खुशनुमा यादें व अच्छे संबंध बना सकते हैं।

3. माता-पिता के साथ समय व्यतीत करें। उनके साथ बैठे व बातें करें। इस प्रकार आप उनके प्रति अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति कर सकते हैं।

4. यदि उपहार देने का सोच रहें है तो उनकी जरूरत के मुताबिक कोई उपहार भेंट करें। यह उन्हें पसंद आएगा । यह जरूरत की वस्तु घड़ी,कॉफी मेकर,पर्स, कॉफी मग ,परफ्यूम,बुक या कपड़े कुछ भी हो सकती है।

5. कोरोना वायरस ने सभी की दिनचर्या प्रभावित की है जिसकी वजह से शायद आपके माता-पिता भी उत्साह की कमी महसूस कर रहें हो , इस पेरेंट्स डे पर आप फैमिली के साथ घर पर कोई अच्छी फिल्म देखने का प्लान भी बना सकते हैं या कोई प्रेरणादायक कहानी भी उनके साथ शेयर कर सकते हैं।

6. यदि आप जुबानी अपनी भावनाएं व्यक्त करने में हिचकिचाते है तो आप अपने माता-पिता के लिए कोई लेख,कविता या कुछ पक्तियां लिखकर , चित्रकारी या पेंटिंग बनाकर भी जिंदगी में उनकी अहमियत उन्हें दर्शा सकतें हैं।

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7. यदि आप युवा या शादीशुदा हैं तो माँ-बाप के कोमल बुजुर्ग हाथों व पैरों को स्पर्श करके भी उनके प्रति आदर ,प्यार व सत्कार जाहिर कर सकते हैं। इसी के साथ ही आप उनकी गोद मे सिर रखकर ढ़ेरो बातें करके ओर पुरानी तस्वीरों को देखकर मीठी यादों को ताजा कर सकतें हैं।

8. अपने हाथों से कोई कार्ड बनाकर, पुरानी तस्वीरों को जोड़कर कोई कलाकृति बनाकर भी आप इस दिन को यादगार बना सकते हैं।सच मानिए , ऐसा कार्ड पाकर आपके माता-पिता फूले नहीं समायेंगे।

9. बहन-भाई के साथ मिलकर indoor games ,मजेदार चुटकुले सुनाने जैसा भी कुछ प्लान कर सकते हैं । एक साथ हंसना परिवार को करीब लाने का अच्छा जरिया होता है।

10. अपनी किसी बुरी आदत को छोड़कर भी आप अपने माता-पिता को खुश कर सकते हैं।यदि कोई गलती की क्षमा मांगना चाहते हैं तो यह भी अच्छा तरीका है। भविष्य में वो आदत कभी न दोहराने का प्रण ले जो आपके माता-पिता को पसंद न हो ।

क्यों और कैसे हुई शुरुआत , आइए जानें :

मदर्स डे (Mother’s Day) व फादर्स डे (Father’s Day) 19वीं शताब्दी से ही मनाए जाते हैं। मगर पेरेंट्स डे (Parent’s Day) 1994 से अस्तित्व में आया जब राष्ट्रपति बिल क्लिंटन (President Bill Clinton) ने अमेरिका की कांग्रेस द्वारा अभिभावकों ओर बच्चों के संबंध सुधारने हेतु पेश किए गए बिल पर हस्ताक्षर किए।

आइए जानते हैं कुछ ऐसी दिखती है चांद से पृथ्वी

पृथ्वी चांद से कितनी सुंदर दिखती है इस बात का अंदाजा आप इन दिनों में वायरल हो रही तस्वीरों से लगा सकते हैं।

अभी हाल ही में अपोलो 11 चालक दल के सदस्य बज एल्ड्रिन ने अपने ट्विटर हैंडल से एक फोटो शेयर की। इसके साथ ही उन्होंने ट्विटर कैप्शन में लिखा कि यह दृश्य कभी भी पुराना नहीं हो सकता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बज एल्ड्रिन चंद्रमा पर उतरने वाले दूसरे व्यक्ति थे और जैसा की आप जानते ही होंगे कि अपोलो 11 सबसे पहला अंतरिक्ष यान था। जो चंद्रमा पर उतरा था। और नील आर्मस्ट्रांग पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सबसे पहले चंद्रमा पर अपने कदम रखे थे। वही Buzz Aldrin जो कि नील आर्मस्ट्रांग के क्रू मेंबर में पायलट थे।  Buzz Aldrin ऐसे दूसरे व्यक्ति थे जिन्होंने चंद्रमा पर अपने कदम रखे।

Buzz Aldrin shared a photo taken from space - exclusive samachar

कुछ विशेष 

आपको बता दें, उनके साथ एक अन्य यात्री और थे। जिनका नाम माइकल कॉलिन्स था।
 इन्होंने चंद्रमा के चारों ओर अपोलो 11  Command Module Columbia से उड़ान भरी थी। NASA  (National Aeronautics and Space Administration) की वेबसाइट के हिसाब से चंद्रमा से पृथ्वी की यह तस्वीर अपोलो 11 अंतरिक्ष  यान द्वारा 20 जुलाई 1969 को ली गई थी। चांद का यह भाग स्मिथ के सागर के पास के क्षेत्र में है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि जब से यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तभी से इसके लाइक्स लगातार बढ़ते जा रहे हैं, और अब तक इस तस्वीर पर 13  हजार से ज्यादा लाइक आ चुके हैं। इसके साथ ही इस तस्वीर पर कुछ दिलचस्प कमेंट भी आ चुके हैं। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा कि चंद्रमा पर चलते समय आप ने सबसे पहले क्या किया। वहीं दूसरे ने लिखा कि मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि पृथ्वी इतनी सुंदर दिखती है।

Buzz Aldrin - Exclusive Samachar

आपको बता दें कि पिछले साल Dr Buzz Aldrin ने अपनी यात्रा के क्षणों को याद करते हुए कहा था, कि वे और उनके चालक दल के सदस्य अपने कामों में इतने व्यस्त थे कि वे सभी इस बात से विचलित हो गए कि यह नजारा कितना खूबसूरत था। क्योंकि पृथ्वी पर मौजूद करोड़ों लोग इसको देख नहीं पा रहे थे। यह सब लाइव टेलीविजन पर देखा जा रहा था।

Buzz Aldrin ने लॉस एंजिल्स के बाहर रोनाल्ड रीगन लाइब्रेरी में 50वीं वर्षगांठ के दौरान यह कहा कि जब हम चाँद पर थे तो ऐसा लगा कि दुनिया एक साथ करीब आ रही थी। कभी-कभी मुझे लगता है कि हम तीनों बड़ी घटनाओ से चूक गए हैं।

Mahatma Gandhi Par Bhashan: 2nd October का दिन, महात्मा गांधी जयंती के रूप में भारत देश मे मनाया जाता है। महात्मा गांधी जिनको हमारे देश, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में  योगदान देने के कारण सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है और याद किया जाता है।

2 October Gazetted Holiday in India

भारत में 2nd October gazetted holiday घोषित है | Government Offices, Banks, Post Offices इत्यादि में इस दिन अवकाश रहता है।
Mahatma Gandhi famous sayings quotations

Why 2nd October is Important for Indians?

इसका कारण यही है कि गांधी जी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में अपना बहुत ही important role अदा किया। उनकी सोच वाकई बेमिसाल थी। Non-violence मतलब बिना किसी मारपीट और लड़ाई के आंदोलन करने का idea महात्मा गांधी जी का था, जिसे सत्याग्रह कहा गया और ये आंदोलन हमारी आज़ादी के लिए वाकई महत्वपूर्ण रहा। स्वदेशी अपनाओ और विदेशी भगाओ, ये जुनून था महात्मा गांधी जी के दिल में।

How Indians Celebrate Mahatma Gandhi’s Birthday?

महात्मा गांधी जयंती celebration के लिए भारत में 3 locations हैं।
1. The Martyr’s column in new Delhi
जहां पर महात्मा गांधी जी को January 30, 1948, को shoot किया गया था।
2. Raj Ghat जो कि यमुना नदी के किनार स्थिते हैं, जहां पर महात्मा गांधी जी का शवदाह किया गया।
3.त्रिवेणी संगम जहां पर गंगा, यमुना, सरस्वती नदियां मिलती है।
महात्मा गांधी जी का ये सपना था कि भारत विदेशी companies के भरोसे न रहें। भारत अपने level पर हर चीज़ का उत्पादन करे। यह वाकई उच्च सोच थी महात्मा गांधी जी की। यही कारण रहा कि महात्मा गांधी जी ने लोगो को छोटे level पर भी व्यापार करने को कहा, लघु उद्योग शुरू करवाए।

Importance of 2nd October in 2019

Mahatma Gandhi Par Bhashan 2019: माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ही सेहतवर्धक और प्रकृति के बचाव हेतु एक कार्य शुरु किया है, जिसकी शुरुआत भी आज 2 October से हो रही है।
यह rule 2 अक्टूबर से लागू होने के साथ पॉलिथीन का उपयोग बिल्कुल बंद कर दिया जाएगा, जिससे अपने आप ही पॉलिथीन का उपयोग कोई नही करेगा।
थर्मोकोल और Plastic के उत्पादन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है और अगर इस नियम का उलघंन करते हुए कोई भी दुकानदार पाया गया तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी इसके साथ ही दूसरे प्रदेशों से polythene आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
प्रकृति के बचाव में ये काफी अच्छा कदम है जो कि काफी हद तक हमारी सेहत और आने वाली पीढ़ियों के लिए लाभदायक होगा।
Single-used plastic ban हो गया है, इसका mostly use disposals में होता है जैसे cup, straws, bottles, plastic bags, plates इत्यादि।
ये सभी plastic से बने उत्पाद हमारे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहे थे।
क्योंकि scientific तरीके से अगर देखें तो प्लास्टिक का विघटन नहीं हो पाता, ना ही ये जलाने पर नष्ट होता है, जानवर अगर इसको खा लें तो उनकी मृत्यु भी हो सकती है और धरती में ये 1000 वर्ष तक विघटित नहीं होता, पानी में डालने पर भी प्रदूषण होता है और पानी में रहने वाले जीव अगर इसे खा ले तो उनकी जान खतरे में चली जाती है।
इन्हीं कारणों की वजह से प्लास्टिक बंद करने का निर्णय लिया गया है, जो हमारे लिये तथा हमारी भारतीय संस्कृति के लिए भी हर्ष की बात है क्योंकि अब जाने अनजाने में गौ माता या अन्य जानवरों की भी प्लास्टिक खाने से मृत्यु नही होगी।
Plastic ban होने से कितने ही टन कूड़ा कचरा कम निकलेगा और ये सफाई रखने में मददगार साबित होगा।

Which Things We Can Use Instead of Plastic?

  • Wooden cutlery
  • Canvas bags
  • Steel bottles
इसी तरह चाय पीने के लिए glass cups का use करें। अगर आप और भी ज्यादा healthy चाय पीना चाहते हैं तो कुल्लड़ वालयी चाय जो राजस्थान की famous है उसे पीकर देखे कुल्लड़ मतलब एक मिट्टी का बना गिलास जिसमे चाय का taste और भी बढ़ जाता है और ये स्वास्थ्य वर्धक भी होता है। “Say No To Plastic” in Hindi.
इसके साथ ही जब हम कोई सब्जी वगैरह खरीदने जा रहे हैं तो साथ में home made थैला लेकर जाएं, मतलब इन्हें अपना basic equipment समझे इसके बिना घर से बाहर नहीं निकले और इसको ले जाकर गर्व महसूस करें कि हां हम environment को save कर रहे हैं, हम अपने आने वाली generation को बचा रहे हैं।
ऐसे ही जब हम किसी mall या कहीं shopping करने जाते हैं तो bags लेकर जाएं , इसे habit बना लें।

Avoid Plastic and Save Environment

Plastic को avoid करके हम जीयेंगे तो बहुत सारे फायदे होंगे –
Environment pollution नहीं होगा।
जाने अनजाने में plastic खा कर जानवरों की मृत्यु नही होगी।
हमारा स्वास्थ्य लाभ होगा, क्योंकि plastic containers में जो भी हम खाते या पीते हैं, बो हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक है क्योंकि जैसे ही प्लास्टिक गर्म चीज़ के संपर्क में आता है तो chemical reaction होने से ऐसे chemical उत्पन्न होते हैं जो हमारे शरीर में भयंकर बीमारियों को पैदा करते हैं।
इसलिए खुश हो जाइए और प्रण कीजिये कि हां हम Plastic आज से बंद कर रहे हैं और healthy lifestyle अपना रहे हैं ।
Aadhar Card Update Kaise Kare: Aadhar card आज के  समय का एक महत्वपूर्ण Document है। पिछले साल तक तो यह केवल सरकारी कामों के लिए आवश्यक था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, अब यह हमारी आम जिन्दगी पर आधारित हो गया है।

आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज

आधार कार्ड आज का एक जरूरी पहचान पत्र है। Aadhar Card पर 12 अंको का Unique Identification Number होता है। जिसे Central Government नियन्त्रित करती है। आज भी कई लोगो के पास आधार कार्ड नहीं है और जिनके पास है उनमें बनाते वक्त कई गलतियां हो जाती है।
लेकिन problem तब हो जाती है जब हमे अचानक ही Aadhar Card की जरूरत पड़ती है और हमें उसे online निकलवाना पड़ता है। ऐसे वक्त में कई बार हमारी महत्वपूर्ण जानकारी उस पर update नहीं होती जैसे कि phone number, email id। खास बात यह है कि ये सभी जानकारी आप खुद भी update कर सकते हैं अपने Aadhar card पर। तो आइए आज हम जानते हैं Aadhar Card update करने का तरीका-
Aadhar Card Update Kaise Kare exclusive samachar

How to Check Aadhar Process Status

अगर आपने Aadhar Card बनवाने के लिए apply किया है या इसकी details बदलवाने के लिए apply किया है तो आप ये जरूर जानना चाहेंगे कि ये process कहाँ तक पहुंचा है?

आधार के लिए Apply/Enroll करने के बाद 90 दिन का समय लगता है। इसी बीच UIDAI  की website पर जा कर Aadhar Status चेक भी  किया जा सकता लेकिन इसके लिए आपके पास Aadhar के लिए apply करते वक्त Aadhar center से मिली Enrollment Slip होनी चाहिए।

अपना Aadhar Card Update करने के लिए आप नीचे दिए गए steps follow कर सकते हैं।

1. सबसे पहले UIDAI पर जाए।

2. ‘My Aadhar’ Section में check Aadhar Status पर click करें।

3. अब दिए गए निर्धारित space में Enrollment number डालें। यह 14 अंको का नम्बर होता है और Enrollment slip
के top पर होता है। Enrollment number डालने के बाद captcha code डालें।

4. उसके बाद check Status पर click करें।

5. अगर आपका Aadhar Card process में है तो इसका message show होगा। अगर Aadhar बन गया है तो आपके पास notification show होगा। अगर Aadhar बनवाते वक्त आपने phone number register करवाया है तो आधार बनने के बाद UIDAI की ओर से आपको message भेजा जाता है। आप चाहे तो UIDAI की official website से भी इसे download कर सकते हैं।

Lost Aadhar Enrollment Slip?

अगर आप की enrollment slip खो गई है तो यह तरीका आसान रहेगा।

आईये हम आपको बताते है कि अगर आपकी Enrollment slip खो गई है तो आप इन steps से दोबारा पा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपका Mobile Number Aadhar से linked होना चाहिए।

1.  UIDAI official website पर जा कर Aadhar Enroll, Section में Retrieve Lost UID/EID Option पर क्लिक करें।

2.  इसके बाद एक नया page खुलेगा। इसमें Aadhar no. (UID) या Enrollment no. (EID) में से किसी एक पर क्लिक करें।

3. निर्धारित Space में अपना नाम, Aadhar से linked  Mobile number या Email ईद व Security code डालें। Security code डालने के बाद आपके registered mobile number या Email पर एक OTP आएगा। इसे दिए गए स्पेस पर डालें।

OTP डालने के बाद उसे Verify करना होगा। Verification हो जाने पर आपको Enrollment number, phone/email पर मिल जायेगा, जिससे आप अपनी aadhar card details update कर सकते हैं।

International Yoga Day in Hindi: जैसे की हम सब जानते हैं, प्रतिवर्ष 21 जून को विश्व स्थर पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (Antarrashtriya Yoga Diwas) मनाया जाता है। पूरे विश्व भर में इस दिन को मनाने की शुरुवात करने में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का बहुत अहम् योगदान रहा है क्योंकि उन्होंने सर्वप्रथम इस दिन को मनाने की शुरुवात 21 जून 2015 से की थी। भारत में योग दिवस का आयोजन आयुष मंत्रालय द्वारा किया जाता है।

कब शुरू हुआ विश्व योगा दिवस – Vishwa Yoga Diwas in Hindi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी में United Nation में जा कर योग के लाभ और इसके महत्व को विश्व भर के लोगों को समझाया। मोदी जी द्वारा की गयी इस पहल से ही आज पूरे विश्व भर में इस दिन को बहुत ही उत्साह के साथ और योग कर के मनाया जाता है। नरेन्द्र मोदी जी ने इसके विषय में अपना सुझाव 27 सितम्बर 2014 को यूनाइटेड नेशन के समक्ष रखा था जिसे 11 दिसम्बर 2014 को स्वीकृति मिली व 21 जून को विश्व योगा दिवस घोषित किया गया। International Yoga Day in Hindi Essay.
उसी के बाद से इस दिन को पुरे विश्व भर में 21 जून को मनाया जाने लगा है। इस दिन को Yoga Day भी कहते हैं। इस दिन पूरे विश्व भर में बड़े से छोटे क्षेत्रों में, बड़े से बड़े और छोटे से छोटे लोग मिल जुल कर बड़े मैदानों में योग करते हैं। यहाँ तक की सभी मंत्रिगण और स्वयं पी एम नरेन्द्र मोदी जी भी इसमें भाग लेते हैं।

antarrashtriya yoga diwas exclusive samachar
कैसे मनाया जाता है International Yoga Day in Hindi

इस दिन योग करने के साथ-साथ लोग विश्व भर में अन्य कार्यक्रम जैसे ध्यान, मीटिंग, योग के लिए लोगों को बढ़ावा देना, योग पर वाद विवाद प्रतियोगिताएं और लेखन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। योग हमारी संस्कृति की अनमोल दें है, इसकी शुरुवात 5000 वर्ष से भी पूर्व शुरू हो चुकी थी, जिससे यह पता चलता है कि योग का महत्व मानव जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

योगा पुरस्कार

योग हमारे जीवन में बहुत महत्व रखता है क्योंकि इससे कई प्रकार कि बिमारियों से छुटकारा मिलता है और शरीर निरोग व तंदरुस्त बना रहता है। इस दिन को प्रधानमंत्री योग पुरस्कार कि भी घोषणा कि जाती है।

योग के फायदे Yoga Ke Fayde in Hindi

  • योग में जो शक्ति है वह दुनिया के और किसी भी व्यायाम में नहीं है।
  • योग की सबसे बड़ी खासियत यही है की योग के लिए आपको किसी भी प्रकार के यंत्र की आवश्यकता नहीं है। साथ ही योग एक ऐसी शारीरिक क्रिया है जिससे बिना किसी औषधि के सभी रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है।
  • योग के लिए आप प्रतिदिन सुबह बस 20-30 मिनट दें और दिन भर की थकावट से दूर रहे।
  • बच्चों के लिए भी योग एक बेहतर व्यायाम है जिससे बच्चे स्वस्थ रहते हैं और साथ ही इससे उनका दिमाग शांत और मजबूत बनता है।
  • नियमित योग से शरीर का वज़न कम होता है।
  • इससे मन की चिंता दूर होती है जिससे मानसिक तनाव और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियाँ शरीर से दूर रहती हैं।
  • योग करने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं और साथ ही काम में मन लगता है।
सही नज़रिए से देखा जाए तो सफलता का असली रास्ता है योग।

Types of Yoga in Bhagavad Gita

भगवद गीता में योग के जो तीन प्रमुख प्रकार बताए गए हैं वे हैं |

कर्मयोग

Karma Yoga in Bhagavad Gita: इसमें व्यक्ति अपने स्थिति के उचित और कर्तव्यों के अनुसार कर्मों का श्रद्धापूर्वक निर्वाह करता है।

भक्ति योग

Bhakti Yoga in Bhagavad Gita: इसमें भगवत कीर्तन प्रमुख है। इसे भावनात्मक आचरण वाले लोगों को सुझाया जाता है।

ज्ञान योग

Gyan Yoga in Bhagavad Gita: इसमें ज्ञान प्राप्त करना अर्थात ज्ञानार्जन करना शामिल है।

भारत द्वारा स्थापित वल्र्ड रिकॉर्ड

इस अवसर पर दिल्ली में एक साथ 35985 लोगों ने योग का प्रदर्शन किया, जिसमें 84 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे और भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बनाकर ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज करा लिया। पहला रिकॉर्ड एक जगह पर सबसे अधिक लोगों के योग करने का बना, तो दूसरा एक साथ सबसे अधिक देशों के लोगों के योग करने का।

Baba Ram Rahim के द्वारा बताए गए योगाभ्यास के टिप्स

Yoga practice tips by Baba Ram Rahim Exclusive Samachar
बाबा राम रहीम एक अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कई मूल्यवान सुझाव प्रदान करते हैं और दैनिक व्यायाम, ताजे फल और सब्जियों सहित स्वस्थ आहार की सलाह देते हैं। बाबा राम रहीम ध्यान के साथ प्राणायाम सिखाते हैं जो मन और शरीर से तनाव को दूर करने में अत्यधिक प्रभावी है। यह मस्तिष्क में ऑक्सीजन के प्रवाह को भी सक्षम बनाता है, जिससे मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है। इनके डर बताई गयी विधि से अनेक लोगों की अस्थमा की बीमारी व अन्य श्वास की बीमारियाँ ठीक हुई हैं। इन्होंने बहुत से आसन बताए हैं जिनकी विडियोग्राफी यू ट्यूब पर उपलब्ध है। इन आसनों को हज़ारों लोगों ने अपनाया है और उनकी ला ईलाज बीमारियां ठीक हुई हैं। यही नहीं, यहां योगासनों के साथ साथ आयुर्वेद ईलाज करके 90% नसें बलाक वाले व्यक्ति भी ठीक हुऐ हैं।
29 अप्रैल 2016 को, संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को योगा में, उनके मार्गदर्शन व अपार योगदान के लिए दुनिया के 4 सबसे बड़े योग फेडरेशन द्वारा ‘अवार्ड ऑफ़ ऑनर’ देकर सम्मानित किया गया।
न सिर्फ भारत, बल्कि विश्व के कोने-कोने में इस दिन को उत्सव के साथ मनाया जाने लगा है और योग को लोग अपनाने लगे हैं। इसकी शुरुवात भारत से हुई है परन्तु आज पूरा विश्व इसे अपना मानने लगा है। भारत के इस महान विरासत योग पर हम भारतीयों को गर्व होना चाहिए।
सिरसा शहर में आज का माहौल भारी टैफिक से भरपूर रहा और अनेक स्टेटों से अनेक लोगों का आना अभी भी ज़ारी है। सिरसा के लोगों के लिए यह नज़ारा देखना एक आम बात है, पर ऐसा क्या है जो ये शहर इस तरह के नज़ारे देखता रहता है? वजह है वहां पर स्थापित डेरा सच्चा सौदा, जहां पर ये सब लोग एकत्रित हो रहे हैं।

 

कुछ वक़्त से ट्विटर और फेसबुक पर भी ट्रेंड में चल रहे इस विषय पर थोड़ा पढ़ा तो पता लगा की पूरे माह इन्होंने देश भर में गरीब बच्चों को स्टेशनरी का सामान व यूनिफार्म इत्यादि बाँटे हैं, और कुछ जगह पर गरीबों को राशन भी दिया है।

 

अखबारों में यह पढ़ने में आया की पिछले रविवार, 21 अप्रैल को डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने देश भर में अनेक स्टेटों में नामचर्चा मनाई, जिसमे बहुत ज्यादा भीड़ एकत्रित हुई। तब मैने यह जाना कि डेरा सच्चा सौदा के सेवादार स्थापना दिवस मना रहे हैं। भारी तादाद और इतने बड़े पैमाने पर मनाई गयी इस नामचर्चा और उनके द्वारा किये गए मानवता भलाई कार्यों ने उन्हें एक बार फिर अखबारों की सुर्ख़ियों में लाकर खड़ा कर दिया।

 

डेरा सच्चा सौदा का ‘स्थापना दिवस‘ 29 अप्रैल को है और इसी दिन उनके मौजूदा गुरु संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 29 अप्रैल 2007 को ‘जाम-ए-इन्सां गुरु का’ भी शुरू किया था। क्यूंकि इस दिन को भंडारे के रूप में मनाया जाता है, तो एक बार फिर से डेरा सच्चा सौदा में उनके सेवादारों का आना शुरू हो गया है और यही वजह है की सिरसा शहर में माहौल किसी त्यौहार के जैसा हो गया है।

 

कल के इस भंडारे पर मुफ्त एलॉपथी मेडिकल कैंप, मुफ्त आयुर्वेदिक मेडिकल कैंप भी लगाए जा रहे हैं, जहाँ पर सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के द्वारा मरीज़ों की मुफ्त जांच की जाएगी, व अति गरीब लोगों को समस्त उपचार व दवाइयां भी मुफ्त दी जाएँगी।

 

यही नहीं, हर बार की तरह इस बार भी गरीबों की मदद के लिए मानवता भलाई के कार्य किये जायेंगे।

 

यह सब देख कर हैरानी भी होती है और कहीं न कहीं इस श्रद्धा के आगे दिल नतमस्तक भी होता है। जिस तरह से ये आज भी इंसानियत को बरकरार रखे हुए हैं, ऐसा शायद ही कभी देखा हो।

डेरा सच्चा सौदा का स्थापना दिवस

★  29 अप्रैल, 1948 को एक फ़कीर, जिन्हें बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज के नाम से जाना जाता था, उन्होंने डेरा सच्चा सौदा की नींव रखी थी। इनके बाद इन्होंने अपनी शाह सतनाम जी महाराज को गुरगद्दी सौंपी जिन्होंने शाह मस्ताना जी के लगाए इस बीज को प्रेम से सींचा व सच्चे सौदे का नाम हर तरफ गूंजने लगा। सन 1990 में उन्होंने मौजूदा गुरु संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को गद्दीनशीन किया, जिन्होंने मानवता भलाई के अनेक कार्य शुरू किये व समाज से हर बुराई को दूर करने का बीड़ा उठाया।
आज इनके देश व विदेशों में साढ़े छह करोड़ से भी अधिक अनुयायी हैं को इस पूरे माह को हर्षोंउल्लास के साथ मनाते हैं। 29 अप्रैल का यह  दिन भंडारे के रूप में मनाया जाता है।

जाम-ए-इन्सां दिवस

◆ डेरा सच्चा सौदा अपने मानवता भलाई के कार्यों के लिए अनेक विश्व कीर्तिमान स्थापित कर चुका है और देश तथा विदेश में जाना जाता है।  आज से 12 वर्ष पहले 29 अप्रैल 2007 को ही बाबा राम रहीम ने ‘जाम-ए-इन्सां गुरु का’ की शुरुआत की थी, जिससे उन्होंने इंसानियत का सन्देश देते हुए सभी को जात पात व धर्म पर भेद भाव न करने का, व इंसानियत को सबसे ऊपर रखने का संकल्प दिलवाया। इस मुहिम में करोड़ों लोग शामिल हो चुके हैं जो इंसानियत को जीवित रखने के लिए दिन-रात प्रयासरत हैं और समाज में मानवता को एक नया जीवन मिला है। लोगों को पता चला कि दुखियों, लाचारों और बेसहारों का सहारा बन कर जीना ही इंसानी गुण है। किसी के दुख-दर्द को देखकर तड़प उठना ही सच्चे अर्थों में इंसानियत है, और इसी इंसानियत को जीवित रखे हुए है डेरा सच्चा सौदा।

भलाई कार्य

◆ करीब 12 वर्षों में ही डेरा सच्चा सौदा के करोड़ों अनुयायियों ने दुनिया के सामने मानव कल्याणकारी कार्यों के नए कीर्तिमान खड़े कर दिए हैं, फिर चाहे वो गरीबों का घर बना कर देना हो, रक़्तदान हो, सफाई महा-अभियान हो, या मरणोपरांत आँखे दान व शरीरदान। ऐसे 134 मानवता भलाई के कार्य इनके गुरूजी द्वारा चलाये गए हैं। अपने काम धंधों, सुख-आराम की परवाह न करते हुए डेरा अनुयायी दीन-दुखियों की मदद में जुटे रहते हैं।
तो देखना अब यह है की इस बार डेरा सच्चा सौदा के 71वें स्थापना दिवस व ‘जाम-ए-इन्सां गुरु का’ की 12वीं वर्षगांठ पर क्या ख़ास होता है। जानने के लिए ज़रूर पढ़ें हमारा आने वाला अगला आर्टिकल।
जैसे कि हम सब रोजाना सोशल मीडिया, अखबारों की सुर्खियों में देख रहे हैं कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मानवता भलाई के कार्यों में पूरी लगन से आगे बढ़ रहे हैं। मगर आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि डेरा सच्चा सौदा के मौजूदा गद्दीनशीन बाबा राम रहीम के जेल में होने के बावजूद डेरा सच्चा सौदा में लगने वाले शिविर ज्यों के त्यों लग रहे हैं, चाहे वह आँखों का शिविर हो, रक्तदान शिविर हो या अन्य मासिक मैडिकल कैंप। कल मुझे पता चला कि इसी कड़ी में एक और शिविर जो डेरा सच्चा सौदा द्वारा लगाया जा रहा है, वह है विकलांग मरीजों के लिए ‘याद-ए-मुर्शिद निःशुल्क पोलियो एवं विकलांगता निवारण शिविर’। आईऐ जानते हैं  कि क्या है ये याद-ए-मुर्शिद शिविर।

याद-ए-मुर्शिद पोलियो एवं विकलांगता निवारण कैंप क्या है?

याद-ए-मुर्शिद पोलियो एवं विकलांगता निवारण शिविर एक ऐसा कैंप है जिसमें अपाहिज मरीजों का बिल्कुल मुफ्त इलाज किया जाता है। यह कैंप बेपरवाह मस्ताना जी महाराज की पावन याद में लगाया जाता है जिन्होंने डेरा सच्चा सौदा की नींव रखी थी।

यह कैंप सबसे पहले 18 अप्रैल 2008 में लगाया गया था। कल मैं डेरा सच्चा सौदा का इतिहास पढ़ रही थी जिसमें मुझे पता चला कि 18 अप्रैल 1960 को डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही बेपरवाह मस्ताना जी महाराज ज्योति ज्योत समा गऐ थे। 2008 में डेरा सच्चा सौदा के मौजूदा गद्दीनशीन बाबा राम रहीम की दिशा निर्देश में ही इस कैंप का आयोजन किया गया था। उनकी याद में अब तक 10 कैंप लग चुके हैं। एक दिन पहले ही मरीजों की पर्चियां कटनी शुरू हो जाती हैं। यह कैंप 18-21अप्रैल तक चलता है। अब 18 अप्रैल 2019 में 11वां कैंप लगाया जाएगा।

यह शिविर शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में लगता है तथा अनेक स्टेटों, शहरों व गाँवों से यहाँ मरीज़ आते हैं। मैंने पिछले लग चुके 10 परमार्थी कैंपों का डाटा पढ़ा, जिससे पता चला कि इस दौरान भारत के जाने माने हड्डियों के विशेषज्ञ डाक्टर, जैसे कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली आदि से ओरथोपैडिक के सपैशलिस्ट डॉक्टर यहां अपनी सेवाएं देते हैं।

इस कैंप के दौरान मरीजों की जांच, उनका इलाज व उनके ऑपरेशन भी मुफ्त में किये जाते हैं, यही नहीं उनको दवा व ज़रुरत की वस्तुएं, जैसे कि कैलिपर इत्यादि भी मुफ्त में दी जाती हैं। यहां डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों द्वारा मरीजों की संभाल भी अच्छे ढंग से की जाती है। मरीजों को व्हील चेयर तक भी मुफ्त प्रदान की जाती हैं।

पिछले 10 सालों में इस कैंप का फायदा हज़ारों मरीजों ने उठाया है।

इस साल भी 18 अप्रैल 2019 को यह शिविर लगने जा रहा है, तो आप भी इस निःशुल्क शिविर का फायदा उठाएं। अपने आस पास के विकलांग मरीज़ों को शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हास्पिटल में ले कर जाइये, और इस कैंप का फायदा उठाईऐ।

दिनांक : 18 अप्रैल 2019, दिन : वीरवार
जगह : शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सिरसा

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 01666 -260222 और 9728860222

 

हम बात कर रहे हैं सूरजकुंड मेले की, जो कि हर बार की तरह इस बार भी भरपूर जोश और उत्साह से पूर्ण है। अनेकों लोग यहां दूर दूर से अपनी कला से बनाया हुआ सामान बिक्री के लिए लाये हैं। अनेकों लोग यहां घूमने आये हुए हैं। इन्हीं अनेकों लोगों की तरह ही एक इंसान (जिसकी बात आपको बताने लगे हैं) मेला देखने आया था। मेले में आकर वो एक स्टॉल पर गया और सारी स्टॉल खरीद डाली। स्टॉल के इंचार्ज और अन्य लोगों के बीच ये बहुत बड़ा चर्चा का विषय बन गया क्योंकि कुल बिल 60 हज़ार के पास था। हुआ यूँ की मेले में पहुँच कर सोनू कुमार को पता लगा की जैसे अन्य कई जगहों से सामान बिक्री के लिए आया है, वैसे ही हरियाणा की जेलों से भी सामान आया है, इसी बीच उसकी नज़र उस स्टॉल पर पड़ी जहां पर रोहतक की सुनारिया जेल में बना हुआ सामान बिक्री के लिए पड़ा था। उसने उस स्टॉल पर जाकर सारा सामान खरीदने का आर्डर दे डाला। स्टॉल पर मौजूद इंचार्ज और अन्य लोगों की हैरानी की कोई सीमा नहीं रही क्योंकि उस सामान में कुर्सी, टेबल, फ्रूट टोकरी, आदि थे जिनकी सोनू जी को जरूरत भी नहीं थी।

Surajkund Mela

जब इस बारे में इस व्यक्ति से बात की गई तो उसने पूछे जाने पर बताया कि जिस सामान की उनको जरूरत नहीं, वो भी इसलिए खरीदा है क्योंकि यह सामान सुनारिया जेल से आया है। उसने बताया कि वो डेरा सच्चा सौदा का श्रद्धालु है और इस वक़्त उनके गुरूजी सुनारिया जेल में हैं, इसी श्रद्धा भावना के चलते उसने सुनारिया जेल से आया सारा सामान ले लिया।

स्टॉल के इंचार्ज ललित भरद्वाज जी को जब सोनू कुमार के डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी होने का पता लगा तो इन्होंने इस बात पर यकीन कर लिया कि ये मुमकिन है कि किसी ने इतनी महँगाई के बावजूद सारी स्टॉल खरीद डाली।

Surajkund Mela
कहते हैं कि मिसालें दी जाती हैं, भूली नहीं जाती, और अगर मिसाल श्रद्धा भावना की हो तो कोई कैसे भूल जाये! ये सब देख कर और जान कर एक ही बात कही जा सकती है कि श्रद्धा हो तो डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों जैसी, वरना न हो।

कभी कभी अचानक ही हमें कुछ अचरज भरा देखने या सुनने को मिलता है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ जब मैं आज कहीं जा रही थी और रास्ते में कुछ लोगों को आपस में बातें करते सुना। वो बात कर रहे थे डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही शाह सतनाम सिंह जी के जन्मदिन की, जिनका जन्म 25 जनवरी 1919 को हुआ था। आज 25 जनवरी 2019 में उनका 100वां जन्मदिन आने वाला है। मगर डेरा सच्चा सौदा के तीसरे गद्दीनशीन बाबा राम रहीम आज-कल जेल में दो केसों की सजा काट रहे हैं, फिर भी इनके अनुयायी यह जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। मैंने उनसे यह भी सुना कि इनके अनुयायियों का जन्मदिन मनाने का तरीका भी अलग है। आइऐ हम चर्चा करते हैं इनके अनूठे तरीकों की।

जन्मदिन कितने दिन मनाया जाता है

आप सोच रहे होंगे, कैसा प्रश्न है ये कि जन्मदिन कितने दिन मनाया जाता है? जन्मदिन तो एक ही दिन मनाया जाता है, जी हां जन्मदिन तो एक ही दिन मनाया जाता है, मगर इनके अनुयायी एक दिन नहीं, दो दिन नहीं, बल्कि पूरा जन्म महीना मनाते हैं। ऐसा क्या है इस महापुरुष में जो इस दुनिया में भी नहीं है, फिर भी इनके अनुयायी इनके जन्मदिन की ख़ुशी पूरा महीना मनाते हैं? वे दयालु स्वभाव के थे, रूहानियत के सच्चे सराबोर थे, उन्होंने लाखों लोगों को बुराइयों से बचाकर नेक इन्सान बनाया, उन्होंने अपनी जीवोद्धार् यात्रा के दौरान 4142 सत्संग किऐ और 1,110,630 लोगों को नाम शब्द देकर उनको रुहानियत का सीधा रास्ता बताया।

कैसे मनाते हैं जन्मदिन

जैसे कि हम सब को पता है कि जन्मदिन केक काटकर, अपने दोस्तों और परिवार के साथ पार्टी करके मनाया जाता है। मगर यहां हमने देखा कि इनके अनुयायियों का जन्मदिन मनाने का तरीका भी अनूठा है। वे नाच कर , गुरु चर्चा करके और मानवता भलाई के कार्य कर के खुशी मनाते हैं।जैसा कि हम सब जानते हैं कि सर्दी के मौसम में कुछ लोग गर्म कपड़े और सिर पर छत न होने के कारण अपनी जान तक गँवा बैठते हैं। इनकी जान बचाने के लिए इस बार डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने गरीबों को रजाई, कंबल, गर्म कपड़े आदि बांट रहे हैं। यही नहीं, जो लोग गरीबी के कारण भूखे पेट फुटपाथ और सटेशन पर सोते हैं, उनको भी यह लोग खाने पीने का सामान, गर्म कपड़े और राशन भी बाँट रहे हैं। गरीब बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ये लोग उनको मुफ्त में किताबें, पैन,पैनसिल, रबड़, शार्पनर, कापियाँ आदि भी प्रदान कर रहे हैं। अचरज भरी बात यह है कि मानवता भलाई के कार्यों में इन अनुयायियों की स्टेट तौर पर प्रतियोगिता भी चल रही है।

अंत में मैं यही कहना चाहूंगी कि किसी भी महापुरुष का जन्मदिन मनाना हो तो इसी तरीके से मनाएं। और अपने जनम दिवस पर भी किसी दीन दुःखी की मदद ज़रूर करें।
अब देखना यह है कि इस बार 25 जनवरी को इनके अनुयायी कैसे मनाऐंगे यह 100वां जन्मदिन। जानने के लिए इंतजार करें हमारे अगले आर्टिकल का।