कभी कभी अचानक ही हमें कुछ अचरज भरा देखने या सुनने को मिलता है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ जब मैं आज कहीं जा रही थी और रास्ते में कुछ लोगों को आपस में बातें करते सुना। वो बात कर रहे थे डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही शाह सतनाम सिंह जी के जन्मदिन की, जिनका जन्म 25 जनवरी 1919 को हुआ था। आज 25 जनवरी 2019 में उनका 100वां जन्मदिन आने वाला है। मगर डेरा सच्चा सौदा के तीसरे गद्दीनशीन बाबा राम रहीम आज-कल जेल में दो केसों की सजा काट रहे हैं, फिर भी इनके अनुयायी यह जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। मैंने उनसे यह भी सुना कि इनके अनुयायियों का जन्मदिन मनाने का तरीका भी अलग है। आइऐ हम चर्चा करते हैं इनके अनूठे तरीकों की।

जन्मदिन कितने दिन मनाया जाता है

आप सोच रहे होंगे, कैसा प्रश्न है ये कि जन्मदिन कितने दिन मनाया जाता है? जन्मदिन तो एक ही दिन मनाया जाता है, जी हां जन्मदिन तो एक ही दिन मनाया जाता है, मगर इनके अनुयायी एक दिन नहीं, दो दिन नहीं, बल्कि पूरा जन्म महीना मनाते हैं। ऐसा क्या है इस महापुरुष में जो इस दुनिया में भी नहीं है, फिर भी इनके अनुयायी इनके जन्मदिन की ख़ुशी पूरा महीना मनाते हैं? वे दयालु स्वभाव के थे, रूहानियत के सच्चे सराबोर थे, उन्होंने लाखों लोगों को बुराइयों से बचाकर नेक इन्सान बनाया, उन्होंने अपनी जीवोद्धार् यात्रा के दौरान 4142 सत्संग किऐ और 1,110,630 लोगों को नाम शब्द देकर उनको रुहानियत का सीधा रास्ता बताया।

कैसे मनाते हैं जन्मदिन

जैसे कि हम सब को पता है कि जन्मदिन केक काटकर, अपने दोस्तों और परिवार के साथ पार्टी करके मनाया जाता है। मगर यहां हमने देखा कि इनके अनुयायियों का जन्मदिन मनाने का तरीका भी अनूठा है। वे नाच कर , गुरु चर्चा करके और मानवता भलाई के कार्य कर के खुशी मनाते हैं।जैसा कि हम सब जानते हैं कि सर्दी के मौसम में कुछ लोग गर्म कपड़े और सिर पर छत न होने के कारण अपनी जान तक गँवा बैठते हैं। इनकी जान बचाने के लिए इस बार डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने गरीबों को रजाई, कंबल, गर्म कपड़े आदि बांट रहे हैं। यही नहीं, जो लोग गरीबी के कारण भूखे पेट फुटपाथ और सटेशन पर सोते हैं, उनको भी यह लोग खाने पीने का सामान, गर्म कपड़े और राशन भी बाँट रहे हैं। गरीब बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ये लोग उनको मुफ्त में किताबें, पैन,पैनसिल, रबड़, शार्पनर, कापियाँ आदि भी प्रदान कर रहे हैं। अचरज भरी बात यह है कि मानवता भलाई के कार्यों में इन अनुयायियों की स्टेट तौर पर प्रतियोगिता भी चल रही है।

अंत में मैं यही कहना चाहूंगी कि किसी भी महापुरुष का जन्मदिन मनाना हो तो इसी तरीके से मनाएं। और अपने जनम दिवस पर भी किसी दीन दुःखी की मदद ज़रूर करें।
अब देखना यह है कि इस बार 25 जनवरी को इनके अनुयायी कैसे मनाऐंगे यह 100वां जन्मदिन। जानने के लिए इंतजार करें हमारे अगले आर्टिकल का।

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