आखिरकार क्यों दिया SIT ने बरगाड़ी बेअदबी कांड में यह निर्णय?
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी क्षेत्र के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में ‘पूज्य श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी’ की बेअदबी का मामला सामने आया था। इस मामले की जांच CBI द्वारा की गई। CBI द्वारा इस केस में तीन मुख्य आरोपियों महेंद्र पाल बिट्टू, शक्ति सिंह, सुखजिंदर सिंह सन्नी के बारे में जांच की गई।
CBI ने जांच में इन तीनों को बेगुनाह पाया। उसके बाद कोर्ट में क्लोजर भी जमा करवा दिया गया। जिस पर CBI कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है। परंतु बड़े सवाल उस समय खड़े हो गए। जब SIT ने अपने 2 दिन की जांच में डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं को दोषी करार कर दिया।
आइए आगे जानते हैं इस केस से जुड़े हर तथ्य के बारे में। हम आपको सभी पक्षों के बारे में अवगत कराने जा रहे हैं।
किन तथ्यों पर सीबीआई ने लिया अपना फैसला?सीबीआई 5 सालों से इस केस की जांच में जुटी हैं। पंजाब पुलिस से प्रोडक्शन वारंट लेने के बाद तीनों आरोपियों की सभी वैज्ञानिक जांच करवाई गई। जिसमें Fingure Print Test, Lie Detecter, Brain Mapping, Polygraph Test करवाए गए। तीनों आरोपियों के साथ गुरुद्वारे के ग्रंथि के भी यही टेस्ट करवाए।
सीबीआई ने इस कांड में प्रयोग हुई गाड़ियों की खरीद संबंधी भी पूरी जांच की।बेअदबी के पोस्टर पर लिखी Handwriting को भी मैच किया गया।
इस सब के पश्चात सीबीआई ने डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं को बेगुनाह पाया।
SIT क्यों घिर गई सवालों के घेरे में?SIT पर आरोप है कि कोई भी जांच वैज्ञानिक तरीके से नहीं की गई। SIT ने गाड़ियों को सिर्फ कब्जे में लिया। गाड़ियों से जुड़े तथ्यों की कोई जांच नहीं की। पोस्टर पर लिखी राइटिंग को भी मैच नहीं किया। ना ही फिंगरप्रिंट्स को मैच करवाया।
परंतु अब बड़ा सवाल यह है के SIT का मकसद क्या हो सकता है।
क्या कहना है डेरा सच्चा सौदा के वकील का इस केस के बारे में?
वकील केवल बरार और विवेक कुमार का कहना है की डेरा श्रद्धालुओं को बेवजह फंसाया जा रहा है।CBI ने जिन आरोपियों को बेगुनाह करार करके जमानत दे दी। SIT द्वारा किसी विशेष मकसद से उन्हें दोषी बनाया गया है। हमारे देश के कानून में कोई भी दो एजेंसी एक ही समय पर किसी केस की जांच नहीं कर सकती। तो CBI की जांच के चलते SIT के पास जांच का कोई अधिकार नहीं था। CBI ने संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा का इस केस से कोई जुड़ाव नहीं पाया। एसआईटी द्वारा डेरा मुखी को भी इसमें शामिल कर दिया गया।
डेरा सच्चा सौदा पंजाब कमेटी के मेंबर हरचरण सिंह ने एसआईटी की मंशा पर शक जाहिर किया। पर साथ ही साथ उन्होंने कहा कि देश की माननीय अदालत पर उन्हें पूरा भरोसा है। उनका कहना है कि डेरा सच्चा सौदा में सभी धर्मो का आदर करना सिखाया जाता है। हम श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बहुत इज्जत करते है।