सफलता का सूचक – गुरूमंत्र
कोई भी लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं।
हारा वही, जो लडा नहीं।।
आज हम जिस विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं वो विषय है “सफलता का सूचक – गुरुमंत्र”। गुरूमंत्र का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है। गुरुमंत्र के जाप के बिना हम जीवन में सफल नहीं हो सकते। गुरूमंत्र के पहले हमें अपने जीवन में एक गुरु की आवश्यकता है जो हमें सही गुरुमंत्र का मार्गदर्शक कर सके।
गुरु और गुरूमंत्र का जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। गुरुमंत्र के माध्यम से गुरु शिष्य के जीवन में उतरता है और शिष्य का जीवन सफल बन जाता है। सच्चा गुरुमंत्र एक सच्चे संत द्वारा ही सिखाया जाता है। वही इसका सही तरीका बता सकता है। ये कोई नहीं जानता कि हमारे अंदर एक दिव्य शक्ति है जो पूरे विश्व में हर एक की मदद करती है। केवल एक गुरु ही इस के बारे में मार्गदर्शक कर सकता है। गुरुमंत्र का लगातार अभ्यास करने से हम अपनी सोई हुई आत्मा को जगा सकते हैं और जब एक बार आत्मा जाग जाऐ तो इसके बाद हमारे अंदर एक जुनून पैदा हो जाता है। फिर सुमिरन से उठने का दिल ही नहीं करता ये एक ऐसा सुकून भरा जुनून है। इससे हमारी जिंदगी में कई तरह के बदलाव आ जाते हैं जैसे हर प्रकार की समस्या हल हो जाती है, मन शांत रहता है। क्रोध, लोभ, मोह, ममता और माया ये पांच चोरों से भी पीछा छूट जाता है। गुरुमंत्र का जाप करने से हमारी आत्मा ताकतवर वन जाती है और अंदर बाहर से हम खुशियों से मालामाल हो जाते हैं और सुमिरन से हम दसवें द्वार को भी खोल सकते हैं जिसके खुलने से परमात्मा का ऐसा नूर दिखाई देता है जो कहने सुनने से परे है और उसमें जो आनन्द मिलता है वो दुनिया की किसी चीज में नहीं।
सफलता और असफलता के बीच जरा सा फासला है और वो है जुनून का। ऐसा जुनून जो रात को सोने नहीं देता, जो मजबूर कर देता है शिद्दत से गुरुमंत्र का जाप करने के लिए।
यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल,
एक जुनून दिल में जगाना पडता है।
पूछा चिड़िया से कैसे बना आशियाना,
बोली, भरनी पडती है उड़ान बार – बार।
सबसे पहले आप अपनी कमजोरी पता करें और उसे दूर करने की बार- बार कोशिश करें जैसे आप सुबह जल्दी नहीं उठ सकते लेकिन आप के पास सुबह 2-5 के बीच ही सुमिरन करने का वक्त है। तो पहले आप 4 बजे उठे धीरे-धीरे उसे बढाते जाए और फिर आप देखना एक दिन आप की आंख 2बजे खुद-ब-खुद ही खुलने लगेगी। कई बार हमारा मन बगावत करता है इसकी भावनाओं को काबू में रखने के लिए ध्यान केंद्रित करने के लिए रोज योगा के साथ सुमिरन करें।
हिम्मत करे इन्सान, तो सहायता करे भगवान।
दुनिया में कोई इन्सान इतनी आसानी से सफल नहीं होता, ठोकरें खानी पड़ती है। अभी ठोकरों से डरोगे तो कभी सफल नहीं हो पाओगे। राह में चाहे जितनी भी ठोकरें आऐ आप अपने लक्ष्य को मत छोड़ो। ये ठोकरें तो आपकी परीक्षा लेती है आपके कदम को मजबूत करती है उसी प्रकार हमें गुरुमंत्र का जाप करते रहना चाहिए कभी भी यह मत सोचना कि हमें कुछ हासिल तो हो नहीं रहा। उस भगवान को सब पता है कहां हमारे लिए क्या सही है वो समय आने पर खुद हमारी रक्षा करता है इसलिए हमें लगातार सुमिरन करते रहना चाहिए।
आज मैं आपके साथ कुछ अपने अनुभव शेयर करना चाहती हूं कैसे मुझे गुरुमंत्र का जाप करने से जिदंगी में सफलता हासिल हुई है। मेरी जिंदगी गुरुमंत्र लेने से पहले कुछ भी नहीं थी पर गुरुमंत्र लेने के बाद मेरी जिंदगी की काया ही पलट गई। मैंने 13 साल की उम्र में ही गुरुमंत्र ले लिया था। जैसे – जैसे मैं गुरूमंत्र का जाप करती गई मेरी जिंदगी की हर मुश्किल अपने आप हल होती गई। पढ़ाई के दौरान भी गुरुमंत्र का बहुत महत्वपूर्ण रहा है। जब पढ़ाई से मन ऊब जाता मैं 10 मिनट सुमिरन करती और फिर पढ़ाई करने बैठ जाती। ऐसा करने से पढ़ाई में मन ज्यादा लगता और याददाश्त भी बढ जाती। मेरे अंदर पहले बहुत गुस्सा था पर अब सुमिरन का अभ्यास करने से गुस्से पर मैंने 70% काबू पा लिया है। एक और बात मैं आपके साथ शेयर करना चाहूँगी। जब मेरे बेवी होने वाला था डाक्टर ने मेरे और बच्चे की जान बचाने से जबाव दे दिया मैंने हिम्मत न हारते हुए लगातार सुमिरन किया और 15 मिनट के बाद ही मेरे बेवी हो गया और हम दोनों मां बेटे की जान बच गई। मैं अपने गुरु की आभारी हूँ जिसने मेरे को गुरुमंत्र दे कर गुरु भक्ति करने का सच्चा मार्ग बताया और मुझे जिंदगी में वो हर सफलता दी जिसका मैंने कभी अनुमान भी नहीं लगाया था।
अंत में मैं यही कहना चाहूँगी कि हमें ब्रह्म मुहूर्त में सुमिरन करना चाहिए इससे हमारी हर जायज मांग पूरी होती है। गुरुमंत्र के जाप के द्वारा हम सफलता की हर ऊंचाई को छू सकते हैं। गुरूमंत्र ही एक ऐसा तरीका है जिससे हम बड़ी से बड़ी मुश्किल को पार कर सकते हैं।
रात गवाई सोय के दिवस गवाया खाय।
हीरा जन्म अनमोल है, कोडी बदले जाय।।