Celebrating Farmers’ Day: Honoring the Backbone of Our Nation’s Prosperity

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की बहुत सी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर करती है। देश की आजादी से लेकर आज तक किसान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। क्योंकि हम जानते हैं कि लगभग हमारी आधी से अधिक आबादी कृषि पर ही निर्भर करती है। आज 23 दिसंबर का दिन देश भर में किसान दिवस(Farmer’s Day) के रूप बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

अन्नदाता जो मेहनत करके नई-नई फसलें उगाकर हमारा पेट भरता है। हमारे लिए वह एक मिसाल से कम नहीं है। गर्मी- सर्दी की परवाह किए बगैर खेतों में काम करके दूसरों का पेट भरने वाला अन्नदाता ही होता है, जो किसान के रूप में हमारे सामने आता है।

किसान दिवस(Farmers’ Day)

क्यों मनाया जाता है व इतिहास?

हमारे पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जिनका जन्म 23 दिसंबर 1902 को हुआ था, जोकि किसानों के मसीहा थे। इसलिए 2001 से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष चौधरी चरण सिंह को सम्मानित करने के लिए 23 दिसंबर को उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में इस दिन को किसान दिवस (Farmer’s Day)के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि चौधरी चरण सिंह ने कृषि क्षेत्र के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

महत्व-

देश की आबादी का अधिकतम हिस्सा गांवों की भूमि पर बसने के कारण देश की अधिकांश आबादी कृषि द्वारा संचित आय पर निर्भर करती है। प्रत्येक फ़सल के पीछे किसान की मेहनत और लगन होती है। किसानों को अधिकतम जानकर व सशक्त बनाने के लिए चर्चा, विचार और विमर्श भी की जाती है।

राष्ट्रीय किसान दिवस(Farmer’s Day) का उद्देश्य-

राष्ट्रीय किसान दिवस(Farmer’s Day) मनाने का उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाने के लिए और कई तरह के सेमिनारों का आयोजन करके चौधरी चरण सिंह जी याद में इस दिन को मनाया जाना है‌।

किसान दिवस कैसे मनाया जाता है-

इस दिन किसानों के लिए कई तरह के सेमिनारों का आयोजन किया जाता है, जिसमें उनको खेती करने के नए तरीके बताए जाते हैं और अन्य बीमा योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है। इस दिन सरकार किसानों के उज्जवल भविष्य के लिए नई नीतियों की घोषणा करती है।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के विचार थे कि सच्चा भारत, किसानों और कृषि के रूप में गांवों में बसता है। जब किसान की दशा सुधरेगी तभी हमारा देश सुधरेगा। धैर्य रखें! आने वाले समय में दूध से ही घास बन सकती है। तब तक देश प्रगति नहीं कर सकेगा, जब तक किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होगी।

निष्कर्ष-

आजादी के बाद से किसानों की स्थिति हेतु कई तरह के सुधार करने के प्रयास किये गए हैं। जैसे की सब्सिडी पर खाद व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना। परन्तु किसानों की दशा दयादीन ही है, क्योंकि कुछ बड़े किसान ही इसका फायदा उठा सकते हैं।क्योंकि 85% किसानों के पास केवल दो हेक्टेयर से कम भूमि होने के कारण बहुत से लोग इसका फायदा नहीं उठा सकते हैं।इसलिए कृषकों के विकास हेतु जो भी कदम उठाए गए वह 85% किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दिए जाएं जिसका लाभ हर वर्ग का व्यक्ति उठा सकें। आख़िर में सभी को किसान दिवस(Farmer’s Day) की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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