अब फिर देखने को मिला कुदरत का कहर, नदियों में आई बाढ़। आपको बता दे हाल ही में उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की वजह से भयानक तबाही मची हुई है। इसमें तबाही में ऋषि गंगा जल योजना का जल बांध पूरी तरह से नष्ट हो गया है। चमोली आपदा के बारे में बताया गया है कि पहाड़ पर लटकी हुए बर्फ की पूरी चादर नीचे गिर गई थी। इसके साथ बहुत तेजी से भूस्खलन हुआ, पूरा पहाड़ और बर्फ नदी में आ गए। इस वजह से नदी में ग्लेशियर टूटने के बाद ग्लेशियर समेत पहाड़ का मलबा नदी में गिरने की वजह से नदी के आसपास काम कर रहे 202 से ज्यादा व्यक्तियों के लापता होने की शंका है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इस घटना के बाद से टिहरी बांध से पानी रोक दिया गया। जबकि श्रीनगर बांध योजना से पानी पूरी तरह से छोड़ दिया गया और सारे गेट खोल दिए गए ताकि पहाड़ों से आ रहा पानी बांध को नुकसान ना पहुंचा सके।

सभी टीमें मिलकर कर रही हैं इस आपदा का सामना

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि आईटीबीपी के 450 जवान, एक नेवी टीम, भारतीय सेना की 8 टीमें, एनडीआरएफ की 5 टीमें और वायु सेना के 5 हेलीकॉप्टर मिलकर 1800 मीटर लंबी सुरंग से मलवा हटाने की कोशिश में लगे हुए हैं।

जिन परिवारों के परिजन है लापता

चमोली में आई प्राकृतिक आपदा में जिन लोगों के परिजन लापता है। वे नीलेश आनंद भरणे डीआईजी से मोबाइल नंबर+91 7500016660 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से अज्ञात शवों की तस्वीर भेजी जाएंगी। आप उन तस्वीरों के माध्यम से उनकी शिनाख्त कर सकते हैं।

अल्मोड़ा की 4 सदस्य टीम इस आपदा के कारणों का लगाएगी पता

जीबी पंत नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन एनवायरमेंट अल्मोड़ा की 4 सदस्य टीम चमोली के लिए रवाना होगी जो इस आपदा के कारणों का पता लगाएगी।

इस आपदा में रैणी में मोटर पुल के बहने के बाद 13 गांव का संपर्क टूट चुका है। इन गांवों को हेलीकॉप्टर की मदद से राशन, मेडिकल सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।

राहत कार्य अभी भी है जारी

1800 मीटर लंबी सुरंग के अंदर का रस्ता मलबे से भरा होने कारण सबसे बड़ा अडिड्का बना हुआ है। जिसे जे.सी.बी के द्वारा खोलने की कोशिश लगातार जारी है। अभी तक 31 शव बरामद हुए हैं और मलबे में फसे और लोगों को बाहर निकालने के लिए राहत कार्य टीमें पूरी जी जान से इस कार्य में लगी हुई है। इस आपदा में भारत-चीन सरहंद को जोड़ने वाला विष्णुप्रयाग पुल भी नष्ट हो गया है।

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