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ये कहानी है आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा छेत्र की, विजयवाड़ा का एक ऐसा होटल जो कोरोना देखभाल केंद्र में परिवर्तित किया गया था, उसमें रविवार सुबह भीषण आग लग गई। 

कोविड केंद्र में 5 बजकर 9 मिनट पर आग लगी , आग लगने के महज 4 मिनट बाद ही दमकलकर्मी घटना स्थल पर पहुच गए।विभाग के पांच विशेष दमकलकर्मियों ने पूरा मामला सम्भाला। इसके पश्चात विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त बी श्री निवासुलु आकर दमकलकर्मियों के साथ काम मे जुट गए।

आंध्रप्रदेश आपदामोचन और अग्निशमन सेवा कर्मियों ने 32 लोगों की जान को बचाया।

कोरोना वायरस देखभाल केंद्र के तीसरे तल से मरीज को   अपने कंधे पर नीचे लाता हुआ दमकलकर्मी अपने आंसू नहीं रोक पाया।दमकलकर्मी ने बहुत हिम्मत कर के 39 लोगों की टीम के सहयोग से सभी मरीज़ो की जान बचायी, यह कोई छोटा काम नहीं था, वे घातक विषाणुओं से पीड़ित (महामारी के शिकार हुए) लोगों को बचा रहे थे।

किसी भी क़ीमत पर दमकल्मर्मी ने अपने मिशन को पूरा कर सभी की जान बचायी।दमकलकर्मी ने भावुक होते हुए कहा, “आज मुझे यह काम कर के काफ़ी सन्तोष मिला हैं,वही दूसरी तरफ मुझे इस घातक बीमारी का खतरा सता रहा है, क्योंकि मेरे भी घर परिवार है”।

श्रीनवासुलु ने कहा, अग्निशमन कर्मियों ने बहुत ही शानदार तरीके से काम को पूरा किया है, यह काम उन्होंने महज 3 घण्टे में पूरा किया।उन्होंने न केवल वहाँ फँसे हुए लोगो को कंधे के सहारे बाहर निकाला, बल्कि मृतकों के शरीरों को भी बाहर निकाला।इतनी खतरनाक स्थिति को इन्होंने बहुत शानदार तरीके से अन्जाम दिया।

आंध्रप्रदेश आपदामोचन और अग्निशमन सेवा विभाग के महानिदेशक मोहम्मद अहसन रजा ने जवानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन्हें पुरुस्कृत किया जाएगा।उन्होंने कहा कि परिस्थिति बहुत ही भयंकर थी, लेकिन इन्होंने काम को बहुत अच्छे से अंजाम दिया।

इसके साथ साथ इन सब के कार्यों को देखते हुए मुख्यमंत्री वाइ एस. जगनमोहन रेड्डी, ग्रह मंत्री एम सुचरिता और अन्य मंत्रियों ने भी काफी प्रशंसा की हैं।

इस बार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास के आखिरी सोमवार यानी 3 अगस्त को आ रहा है । प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन भाई-बहन के अटूट रिश्ते को ओर अधिक प्यार व सत्कार मिलता है एवं इसे रक्षाबंधन के रूप में मनाया जाता है । 

राखी बांधने का सही तरीका

थाली की सजावट करें ओर उसमें चंदन ,रोली , अक्षत , दही , राखी ओर मिठाई रख लें । थाली में घी का दीपक भी जलाकर रखें । राखी की थाली परमात्मा को समर्पित करके प्रेम-प्यार बना रहने की अरदास करें । 

इसके पश्चात अपने भैया को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करवाकर बैठाएं । माथे पर तिलक लगाएं , राखी बांधे ,आरती करें व मुँह मीठा करवाएं । राखी बांधते समय भाई व बहन का सिर ढका हो तो बहुत अच्छा है । इसके पश्चात घर परिवार के बुजुर्गों का आशिर्वाद लें ।

Raksha Bandhan Puja Vidhi Subh Muhurat - Exclusive Samachar

जानें रक्षाबंधन 2020 का शुभ महूर्त

इस रक्षाबंधन पर भद्रायोग सुबह के 9.30 बजे ही समाप्त हो जाने वाला है जिससे 3 अगस्त को पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है । 

सबसे अधिक शुभ समय या शुभ महूर्त दोपहर 01.48 बजे से लेकर 04.29 बजे तक रहेगा । इसके अलावा दिन का दूसरा शुभ महूर्त 07.10 बजे से लेकर 09.17 बजे तक है ।

क्या कहती है त्योहार के पीछे की धार्मिक मान्यता? 

रक्षाबंधन के त्योहार से एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है जिसके आधार पर यह त्योहार आज तक चला आ रहा है । धार्मिक मान्यता के अनुसार , एक बार देवताओं व असुरों के बीच युद्ध छिड़ गया था जिसमे देवताओं को अपनी हार होना समझ मे आ रहा था । 

तब इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने देवताओं की कलाईयों पर रक्षा-सूत्र धागा बाँधा ओर देवताओं की विजय हुई । ऐसी मान्यता है कि यह विधान श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन ही हुआ था जिस कारण आज भी यह त्योहार इसी नियत दिन को मनाया जाता है ।

इसी तरह एक ओर धार्मिक मान्यता भी इस त्योहार से जोड़कर देखी जाती है । कहा जाता है कि शिशुपाल राजा का वध करते हुए श्री कृष्ण के हाथ से खून बहने लगा तो द्रोपदी ने उसी समय साड़ी के पल्लू से कपड़े का टुकड़ा फाड़कर श्री कृष्ण के हाथ पर बांध दिया । ओर श्री कृष्ण तब से द्रोपदी को अपनी बहन मानने लगे । 

raksha bandhan - Exclusive Samachar

सालों पश्चात जब पांडव द्रोपदी को जुए में  हार गए ओर भरी सभा में दुर्योधन ने द्रोपदी का चीरहरण करना चाहा , तो भगवान श्री कृष्ण ने भाई का फर्ज निभाते हुए द्रोपदी की लाज रखी व चीरहरण से बचा लिया ।

वीडियो कॉलिंग व ऑडियो कॉलिंग के जरिये  भी मनाया जाएगा 2020 का रक्षाबंधन ।

कोरोना महाबीमारी के चलते जो भाई-बहन एक दूसरे से नही मिल पाएंगे वे वीडियो कॉलिंग व फोन पर बातचीत करके अपना त्योहार मनाएंगे |

यदि आप भी कोरोना के चलते ऐसी स्थिति में हैं तो पोस्ट ऑफिस की सहायता से राखी भेज सकते हैं व निराश होने की जरूरत नही हैं । समय के साथ बदलाव प्रकृति का नियम है और इसे हमें भी इस रक्षाबंधन स्वीकार करना होगा । 

वीडियो व आडियो कॉलिंग के माध्यम से एक दूसरे से बात करें व दुआएं करें । प्रेम-प्यार का यह रिश्ता भावना व श्रद्धा का प्रतीक है जिसे आप एक दूसरे से दूर रहकर भी मना सकते है व कोरोना जैसी बीमारी से बचे रहकर लम्बी उम्र की मनोकामना कर सकते हैं ।

मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy) को  बुधवार को मंजूरी दे दी । 34 साल बाद शिक्षा प्रणाली में आने वाला ये बदलाव 1986 की शिक्षा नीति की जगह ले लेगा । 

 विभिन्न शिक्षाविदों व जन-प्रतिनिधियों के परामर्श एवं रिपोर्ट्स का मसौदा है नई शिक्षा नीति।
3 सालों से भी अधिक लंबे समय का परिणाम बनकर नई शिक्षा नीति आज हमारे सामने है जोकि विभिन्न शिक्षाविदों , छात्रों ,राज्य सरकारों व जन-प्रतिनिधियों के परामर्श एवं रिपोर्ट्स पर आधारित है । 

नई शिक्षा नीति किन रिपोर्ट्स पर है आधारित ?

2016 में T.R.सुब्रमण्यम ने नई शिक्षा नीति पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी एवं 31 मई 2018 को इसरो के पूर्व अध्यक्ष कस्तूरीरंगन ने अपनी रिपोर्ट पेश की जिसके बाद से दोनों रिपोर्ट्स पर लगातार हो रही बड़े स्तर पर विचार-विमर्श ने आखिरकार एक रूप ले लिया और नई शिक्षा नीति सबके सामने आई।

नई शिक्षा नीति से आशान्वित लक्ष्य

शिक्षा मंत्री के सचिव अमित खरे से बातचीत करने पर बताया कि 2035 तक 50 फीसदी सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrollment Ratio ) का लक्ष्य रखा गया है जिसमे व्यावसायिक शिक्षा को 26.3% से 50% तक ले जाने का लक्ष्य है । 2030 तक प्री प्राइमरी से उच्चतर माध्यमिक तक 100 फीसदी  प्रवेश दर का लक्ष्य भी नई शिक्षा नीति में लेकर चल रहे हैं जबकि उच्च शिक्षा में प्रवेश लक्ष्य 50 प्रतिशत लिया गया है । 100 फीसदी नामांकन के लक्ष्य को लेकर पढ़ाई छोड़ चुके करीब 2 करोड़ बच्चों को फिर स्कूल से जोड़ा जाना है।

इसी के साथ ही बीच में कोर्स छोड़ने वालों के लिए मल्टीपल एंट्री एवं एग्जिट का प्रावधान होगा बहुस्तरीय प्रवेश ओर निकास के कई विकल्प होंगे । उनके क्रेडिट को अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स के द्वारा स्थानांतरित किया जाना है । अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) की स्थापना की जानी है जो छात्रों द्वारा अर्जित किये गए क्रेडिट को डिजिटल रूप में संग्रहित करेगा ।

new education policy 2020 - Exclusive Samachar

क्या है Multiple Entry/Exit Rule?

इससे मतलब है यदि किसी छात्र की मजबूरीवश  पढ़ाई बीच मे छूट जाती है तो पिछली की गई सारी पढ़ाई बेकार नही जाएगी । एक साल की हुई पढ़ाई पर सर्टिफिकेट , दो साल की पढ़ाई पर  डिप्लोमा का सर्टिफिकेट एवं 3 से 4 साल पूरे  होने पर डिग्री दी जाएगी। यह छात्रों के लिए अच्छी खबर है ।

MERU (Model Multidisciplinery Education And Research University ) बहु विषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय का होगा गठन ।

IIT व IIM के जैसे मॉडल मल्टीडिसिप्लिनरी एजुकेशन एन्ड रिसर्च यूनिवर्सिटी का गठन किया जाएगा जोकि समग्र ओर बहु विषयक शिक्षा का लक्ष्य लेकर काम करेगी । 

UGC , NCTE , AICTE होने जा रहे है खत्म , सभी का काम करेगी सिर्फ एक नई रेगुलेटरी बॉडी ।
उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने बताया सरकार UGC , NCTE , AICTE जैसी सभी रेगुलेटरी बॉडी को खत्म कर सिर्फ एक रेगुलेटरी बॉडी बनाएगी , जिसके अंतर्गत लीगल और मेडिकल के छात्र नही आएंगे । इसी के साथ ही अप्रूवल व आर्थिक मंजूरी के लिए अलग-अलग वर्टिकल होंगे , यह नियामक Online Self Discloser Based Transparent System पर आधारित होगा । इस प्रणाली के माध्यम से यूनिवर्सिटीज के लिए अब ग्रांट के लिए अप्लाई करना , प्रोपोजल रखना ओर बाकी की सारी प्रक्रिया बहुत तेजी से होगी ।

कॉलेजों को मिलेगी स्वायत्तता (Graded Autonomy ) , यूनिवर्सिटीज से मान्यता लेने का झंझट निपटा ।

15 साल में कॉलेजों की यूनिवर्सिटीज से सम्बन्धता खत्म कर दी जाएगी । सेंट्रल एवं नॉन सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के लिए एक ही स्टैंडर्ड होंगे । सरकारी एवं निजी दोनों प्रकार के संस्थानो के लिए यह बात लागू होगी । धीरे धीरे कॉलेजों को स्वायत्तता दी जायेगी , जिसके लिए उनकी ग्रेडिंग की जाएगी।

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शिक्षा बजट पर खर्च होगा GDP का 6 प्रतिशत

मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने शिक्षा के बजट पर कुल जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च करने को स्वीकृति दे दी है जोकि अब तक केवल 4 प्रतिशत ही हुआ करता था । लेकिन फिर भी भारत क्यूबा , फ़िनलैंड एवं स्वीडन जैसे कई उन देशों से पीछे ही है जोकि जीडीपी का तकरीबन 13 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करते है । 

NSF (National Science Foundation) की तर्ज पर  बनने जा रहा है NRF (National Research Foundation )

अमेरिका के NSF की तर्ज पर भारत मे NRF की स्थापना की जानी है जिसमे Science ही नहीं Social Science भी शामिल की जाएगी । यह संस्थान शिक्षा के साथ साथ रिसर्च में भी बढ़ोतरी लाएगा एवं बड़े प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग करेगा ।

विद्यालयों का प्रचलित 10+2 फॉर्मेट खत्म , अब से होगा 5+3+3+4 फॉर्मेट

नए फॉर्मेट के 5 से मतलब प्री-प्राइमरी के तीन साल एवं कक्षा 1 ओर कक्षा 2  है जोकि बच्चे की फाउंडेशन स्टेज है । इस पांच सालों की पढ़ाई के लिए एक अलग पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। 3 से 8 साल की आयु इस चरण के लिए निर्धारित की गई है ।अगला चरण कक्षा 3 से कक्षा 5 तक तीन साल का है जिसमें छात्र की आयु 8 से 11 वर्ष निर्धारित की गई ।इसके बाद कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक का चरण आएगा जिसमे छात्र की आयु अमूमन 11 से 14 वर्ष मानकर चल रहे है । कक्षा छठी से ही छात्रों को प्रोफेशनल ओर स्किल की शिक्षा दी जाएगी जिसमे स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप भी शामिल है ।चौथा एवं अंतिम चरण(कक्षा9वीं से 12वीं) 4 साल का होगा जिसमे 9वीं से ही छात्र को साइंस व गणित के साथ साथ फैशन डिजाइनिंग पढ़ने की भी आजादी होगी । इस चरण में 14 से 18 आयुवर्ग के छात्र होंगे ।

10वीं तथा 12वीं का बोर्ड एग्जाम बनाया जाएगा ज्ञान परीक्षण पर आधारित।

रटने की प्रवृत्ति से दूर करने को नई शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षाओं को कम महत्व दिया जाएगा । इसी दिशा में कई सुझाव प्रस्तावित है जिसमे साल में दो बार परीक्षाएं करवाना , ऑब्जेक्टिव व सबजेक्टिव श्रेणियों में विभाजन शामिल है । विभिन्न बोर्ड भविष्य में बोर्ड पेपर का प्रेक्टिकल मॉडल तैयार करेंगे जैसे वार्षिक, सेमेस्टर और मॉड्यूलर परीक्षाएं बोर्ड परीक्षाएं आदि।

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M.phil. खत्म एवं कॉलेजों को Common Exam का ऑफर।

अब से छात्र ग्रेजुएशन , पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद सीधा PhD करेंगे । M.phil कोर्स को खत्म करना नई शिक्षा नीति का बड़ा बदलाव है । राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी कॉमन एग्जाम की परीक्षा करवाएगी लेकिन कालेजो पर कामन एग्जाम  दबाव नही ,मात्र एक ऑफ़र है ।

5वीं तक मातृभाषा में पढ़ाई एवं समग्र रिपोर्ट कार्ड अच्छा कदम ।
समग्र रिपोर्ट कार्ड न केवल अंको बल्कि छात्र के कौशल एवं अन्य बिंदुओं पर भी गौर करेगा । 5वीं कक्षा तक मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा भी अच्छा कदम है । 

इनके अलावा भी नई शिक्षा नीति में  कई छोटे किंतु विशेष बदलाव किये गए है जोकि इस प्रकार है –
1.  2030 तक हर जिले में कम से कम एक बहुविषयक संस्थान बनाया जाएगा । सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बहुविषयक संस्थान बनाना होगा जिसमें कम से कम 3000 छात्र होंगे। 
2.संस्थाओं के पास ओपन डिस्टेंस लर्निंग ओर ऑनलाइन कार्यक्रम चलाने का भी विकल्प रहेगा ।
3.मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम  बदलकर पुनः शिक्षा मंत्रालय रखा गया है।
4. विद्यार्थियों के लिए संस्कृत समेत कई विदेशी  भाषाओं को त्रि-भाषा फार्मूला के तहत पढ़ने का अवसर होगा।
5. विदेशी यूनिवर्सिटीज को शिक्षा क्षेत्र में निवेश के तहत भारत मे कैम्पस खोलने की भी अनुमति दी गयी है। SC, ST, OBC, SEDGS विद्यार्थियों के लिए स्कालरशिप पोर्टल में विस्तार किया गया है।
6. ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर देते हुए विभिन्न ऐप के माध्यम से फोन, कम्प्यूटर से शिक्षा प्राप्त करने पर भी फोकस किया गया है।
7.प्रत्येक जिले में कला, खेल व करियर संबंधी गतिविधियों के प्रसार हेतु बल भवन भी खोले जाने है।
8. स्कूल एवं कालेजो की फीस पर नियंत्रण के लिए भी एक प्रणाली विकसित की जाएगी ।
9.छात्रों को काउंसलर्स एवं विभिन्नता सामाजिक संस्थाओं से जोड़ा जाना है ।इसी के साथ ही स्वास्थ्य कार्ड भी बनाया जाएगा व समय समय पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी ।
10. भारतीय साइन लैंगुएज (ISL) को पूरे देश मे मानकीकृत करके सामग्री तैयार की जाएगी जिसका प्रयोग दिव्यांग छात्रों द्वारा किया जाएगा । इसके अलावा विकलांग छात्रों के लिए भी बहुत से प्रावधान किए गए है।
11. Extra Co-Curricular Activities को अब इस नाम से न बुलाकर मुख्य शिक्षा में ही शामिल कर दिया गया है एवं छात्रों को कोडिंग सिखाई जाएगी।
12.नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा का अधिकार (Right To Education ) के दायरे में अब से 3 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चे आएंगे ।
13. NTA (National Testing Agency) द्वारा यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा साल में दो बार आयोजित करवाई जाएगी ।

कब से लागू होगी नई शिक्षा नीति (NPE)?

MHRD मंत्री रमेश पोखरियाल ने 29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति (New Education Policy ) का ड्राफ्ट सबके बीच पेश किया है । इसे लागू करने सम्बंधित अभी कोई विशेष तिथि निर्धारित नही की गई है।

आज के युग में हर व्यक्ति अपने आप को एक ऐसे पद पर ख़डा देखना चाहता है। जिससे वो अपने परिवार व अपनी जरूरतों को आसानी से पूरा कर सके। इसीलिए भारतीय रेलवे (Indian Railways) उनके लिए एक ऐसा ही सुनहरा अवसर लेकर आया है। जो उनके लिए एक अच्छा अवसर बन सकता है।

हाल ही में पश्चिम रेलवे (Western Railway) ने Junior Technical Associate के अन्य पदों पर भर्ती के लिए नौकरीयाँ निकाली हैं। तो आइए जानते हैं इस से जुड़ी हुई कुछ जानकारी –

western railway recruitment 2020 - Exclusive Samachar

Number Of Vacancies

Junior Technical Associate के कुल 41 पदों पर Western Railway ने अर्जी मांगने की इच्छा प्रकट की है। जिससे उन्होंने Works, Electrical And Telecommunications जैसे पदों को ध्यान में रखा है।

Name of VacanciesNo.Of Vacancies
Junior technical19 VacancyAssociate (Works) 
Junior technical 12 VacancyAssociate (Electrical) 
Junior technical Associate.   10 Vacancy(Telecommunications/ S&T) 

Educational Qualification

पश्चिम रेलवे में निकली इस नौकरी में आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों का ग्रैजुएट मान्यता प्राप्त संस्थान से होना अति आवश्यक है। उम्मीदवारों को संबंधित इंजीनियरिंग स्ट्रीम में 3 Year Diploma या B.Sc. या 4 Year Bachelor Degree (BE/B.Tech) होनी जरूरी है।

Indian Railway Jobs - Exclusive Samachar

Age Limit

उम्मीदवारों की ज्यादा से ज्यादा आयु 33 से 38 वर्ष और कम से कम आयु 18 वर्ष। यह पदों के अनुसार अलग-अलग लागू की गई हैं, ताकि वे इस आयु सीमा(Age Limit) के अनुसार पदों पर आवेदन कर सकें।

Last Date Of Submission

नौकरी करने वाले योग्य उम्मीदवार 22 अगस्त 2020 तक रेलवे के इन पदों पर आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए General Category के उम्मीदवारों के लिए 500 Rs. और SC/ST Category और महिला (Women) उम्मीदवारों के लिए 250 Rs. फीस तय की गई है।

अनलॉक की प्रक्रिया के चलते अगस्त में बैंक की छुट्टियां पूरे देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बैंक, दुकानें, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल, बस स्टैंड आदि निश्चित नियम आधीन खुल चुके हैं।
बैंकों में सभी कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं। इसीलिए ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए Bank Holiday List की घोषणा की गई है। यह सूचि त्योहारों व अन्य छुट्टियों के आधार पर RBI द्वारा घोषित की गई है।

दोस्तों, आपको बता दें कि अगस्त में बैंक कुल 13 दिन बंद रहने वाले हैं। जिसमें 6 छुट्टियां त्योहारों के कारण होंगी। शेष 7 अवकाश RBI  के दिशनिर्देशों के तहत होंगे। RBI (Reserve Bank Of India) द्वारा वर्ष 2015 में महीने के second एंड Forth Saturday को बैंक में छुट्टी घोषित की गई। Sunday तथा National Holidays को छोड़कर शेष सभी कार्य दिवस रहने का ऐलान किया।

अगस्त के पहले 15 दिनों में 7 छुट्टियां तथा अगले 15 दिनों में 6 छुट्टियां रहेंगी। 

Bank Holidays List - August 2020 - Exclusive Samachar

यदि बात करें 1 से 15 अगस्त के बारे में:- मास आरंभ में 1 अगस्त को Bakri Id (Id-ul-zuha) के कारण बैंक बंद रहेंगे। दिनांक 2 को रविवार तथा 3 को रक्षाबंधन के कारण बैंकों में छुट्टी रहेगी। Second Saturday की वजह से 8 अगस्त को बैंकों में अवकाश रहेगा। अगले दिन रविवार को भी बैंक बंद रहने वाले हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष में 11 अगस्त को बैंक नहीं खुलेंगे। 15 अगस्त को प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस के कारण बैंक बंद रहते हैं। इस साल भी ऐसा ही होगा।

आइए अब जानते हैं कि 15 अगस्त के बाद बैंक किस दिन बंद रहेंगे:-15 अगस्त के अगले दिन रविवार को बैंकों में छुट्टी रहेगी।  तीज (हरितालिका) के मद्देनजर 21 को भी बैंक बंद रहने वाले हैं। 22 अगस्त को Forth Saturday तथा गणेश चतुर्थी के उपलक्ष में बैंक नहीं खुलेंगे। दिनांक 23 तथा 30 को रविवार के कारण भी बैंक बंद रहेंगे। महीने के आखिरी दिन 31 अगस्त को Onam (Thiruvonam) के कारण आखिरी छुट्टी होगी।

दोस्तों आपको बता दें कि प्रत्येक राज्यों में विभिन्न प्रांतीय त्योहारों के कारण भी बैंक बंद रह सकते हैं।

असम में बाढ़ से चारों ओर तबाही मची हुई है। असम राज्य के 33 जिलों में से 27 जिले इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गए हैं जिसकी वजह से लाखों लोगों का गुज़र बसर भी मुश्किल हो गया है । भरपूर मानसून के कारण बहुत बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है। 

राहत कार्य जारी । NDRF (एनडीआरएफ) की टीम तैनात

कोरोना महामारी के बीच राहत कार्य चलाना और भी कठिन साबित हो रहा है ।असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल मानते है कि कोरोना वायरस ओर बाढ़ से असम की स्थिति बद से बदतर हो गयी है । उन्होंने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए सरकार भरपूर कोशिशों में लगी है । इसी के साथ ही एनडीआरएफ (NDRF) की टीम भी बाढ़ से निपटने के लिए तैनात की गई है।

पड़ोसी देशों से होकर भारत में बहने वाली नदियों मे स्थिति हुई ओर भी विकराल

भारत में बहने वाली कई नदियां नेपाल, चीन से होती हुई भूटान से होकर यहां पहुँचती हैं। नेपाल से होकर भारत मे बहने वाली नदियां बिहार में तबाही मचाती हैं। चीन एवं तिब्बत से आती ब्रह्मपुत्र नदी असम में आकर भारी नुकसान का कारण बनती है।

भरपूर मानसून के कारण होने वाली तबाही से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों में एक बड़ी समस्या यह भी है कि बाढ़ को तबाही का रूप देने वाली ये नदियां एक से अधिक देशों से जुड़ी है जिसके चलते बाढ़ से निपटना सरकार के लिए भी बेहद पेचीदा कार्य है ।

 इस बार भी अरबों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ ओर  लाखो लोगो का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है ।  गांवों के गांव ही पानी मे डूब चुके हैं।  लोगों में खाने पीने तक की समस्या बनी हुई है । खाने को घरों में कुछ बचा नहीं है। लोग सड़क किनारे तिरपाल लगाकर रहने को भी मजबूर हैं । जो लोग घरों में है, वे नावों का सहारा ले रहें हैं । क्योंकि अधिकतर सड़कें भी जलमग्न है इसलिए उन्हें पानी मे डूबे घरों के अंदर नाव में रहना पड़ रहा है । 

ब्रह्मपुत्र नदी के सैलाब में असम का गांव बरबेटा हुआ जलमग्न

बाढ़ ने असम के बरबेटा में सबकुछ बर्बाद कर दिया । नदी ने जिले के सुदूर गांव को जोड़ने वाली सड़कों ओर तटबंध को निगल लिया । 

लगातार हो रही बारिश से बीमारियों के फैलने की आशंका

घरों के अंदर सब कुछ जलमग्न होने से हालात बिगड़ने के आसार है। खाने पीने के लिए ज्यादा कुछ बचा नहीं है । लगातार हो रही बारिश से मुसीबत ओर भी बढ़ सकती है । सबसे बड़ी दिक्कत पानी मे पनपने वाली बीमारियों से बचने की है ।

राज्य को बड़े स्तर पर मदद की दरकार। प्राकृतिक आपदाओं में एकजुटता से चलने की जरूरत

इस तरह की स्थिति में राजनीतिक हितों को एक तरफ रखकर मानवता के हित में एकजुट होकर चलने की जरूरत है। मानवता की भलाई के लिए बाढ़ जैसी समस्या के समाधान में राज्य को बड़े स्तर पर मदद की जानी चाहिए क्योंकि मुसीबत के समय में कन्नी कतराना मानवता के खिलाफ ओर संवेदनहीनता है।

रक्षा मंत्रालय से सैनिकों के लिए अच्छी खबर 

रक्षा मंत्रालय ने 10 साल से कम सेवा देने वाले सैनिकों को दिव्यांगता पेंशन देने की अनुमति दी है। वैसे आमतौर पर 10 साल से कम सेवा वाले सैनिक इस पेंशन के पात्र नहीं होते।

हाल ही में बुधवार को रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अभी तक यह पेंशन केवल उन जवानों को दी जाती थी। जिन्होंने 10 साल से अधिक की सेवा दी और जो किसी कारण से दिव्यांग हुए या सैन्य सेवा के लिए संबद्ध नहीं है। 

अभी तक यह था कि अगर दिव्यांग होने के समय यदि किसी सैनिक की सेवा 10 साल से कम होती थी। तो उसको केवल दिव्यांगता ग्रेजुएटी का ही भुगतान दिया जाता था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें मोदी सरकार  सैनिकों व उनके परिवारों के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को  Health Care देने के लिए कदम उठाए हैं। एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम के तहत पूर्व सैनिकों को 25 साल और उस से अधिक आयु के अविवाहित और दिव्यांगों को मदद देने का फैसला लिया है। 

इस योजना के तहत परिवार के एक कोरोना मरीज को आक्सीजन देने का खर्च उठाने का भी ऐलान किया है।

 इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को मंजूरी दे दी है। इस फैसले का लाभ उन सभी जवानों को मिलेगा जो 4 जनवरी 2019 या उसके बाद सेवा में है।

आखिरकार क्यों दिया SIT ने बरगाड़ी बेअदबी कांड में यह निर्णय?

गौरतलब है कि वर्ष 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी क्षेत्र के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में ‘पूज्य श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी’ की बेअदबी का मामला सामने आया था। इस मामले की जांच CBI द्वारा की गई। CBI द्वारा इस केस में तीन मुख्य आरोपियों महेंद्र पाल बिट्टू, शक्ति सिंह, सुखजिंदर सिंह सन्नी के बारे में जांच की गई।

CBI ने जांच में इन तीनों को बेगुनाह पाया। उसके बाद कोर्ट में क्लोजर भी जमा करवा दिया गया। जिस पर CBI कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है। परंतु बड़े सवाल उस समय खड़े हो गए। जब SIT ने अपने 2 दिन की जांच में डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं को दोषी करार कर दिया।
आइए आगे जानते हैं इस केस से जुड़े हर तथ्य के बारे में। हम आपको सभी पक्षों के बारे में अवगत कराने जा रहे हैं।

किन तथ्यों पर सीबीआई ने लिया अपना फैसला?सीबीआई 5 सालों से इस केस की जांच में जुटी हैं। पंजाब पुलिस से प्रोडक्शन वारंट लेने के बाद तीनों आरोपियों की सभी वैज्ञानिक जांच करवाई गई। जिसमें Fingure Print Test, Lie Detecter, Brain Mapping, Polygraph Test करवाए गए। तीनों आरोपियों के साथ गुरुद्वारे के ग्रंथि के भी यही टेस्ट करवाए।

सीबीआई ने इस कांड में प्रयोग हुई गाड़ियों की खरीद संबंधी भी पूरी जांच की।बेअदबी के पोस्टर पर लिखी Handwriting को भी मैच किया गया।

इस सब के पश्चात सीबीआई ने डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं को बेगुनाह पाया। 

SIT क्यों घिर गई सवालों के घेरे में?SIT पर आरोप है कि कोई भी जांच वैज्ञानिक तरीके से नहीं की गई। SIT ने गाड़ियों को सिर्फ कब्जे में लिया। गाड़ियों से जुड़े तथ्यों की कोई जांच नहीं की। पोस्टर पर लिखी राइटिंग को भी मैच नहीं किया।  ना ही फिंगरप्रिंट्स को मैच करवाया।

परंतु अब बड़ा सवाल यह है के SIT का मकसद क्या हो सकता है।

क्या कहना है डेरा सच्चा सौदा के वकील का इस केस के बारे में?

वकील केवल बरार और विवेक कुमार का कहना है की डेरा श्रद्धालुओं को बेवजह फंसाया जा रहा है।CBI ने जिन आरोपियों को बेगुनाह करार करके जमानत दे दी। SIT द्वारा किसी विशेष मकसद से उन्हें दोषी बनाया गया है। हमारे देश के कानून में कोई भी दो एजेंसी एक ही समय पर किसी केस की जांच नहीं कर सकती। तो CBI की जांच के चलते SIT के पास जांच का कोई अधिकार नहीं था। CBI ने संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा का इस केस से कोई जुड़ाव नहीं पाया। एसआईटी द्वारा डेरा मुखी को भी इसमें शामिल कर दिया गया।

डेरा सच्चा सौदा पंजाब कमेटी के मेंबर हरचरण सिंह ने एसआईटी की मंशा पर शक जाहिर किया। पर साथ ही साथ उन्होंने कहा कि देश की माननीय अदालत पर उन्हें पूरा भरोसा है। उनका कहना है कि डेरा सच्चा सौदा में सभी धर्मो का आदर करना सिखाया जाता है। हम श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बहुत इज्जत करते है।

गुरु के प्रति आदर-सम्मान और अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए यह विशेष पर्व गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। भारत में, गुरु पूर्णिमा हमेशा गुरु-शिष्य परम्परा या शिक्षकों और उनके छात्रों के बीच के अनोखे संबंधों के लिए बहुत खास दिन रहा है। आइए जानते हैं कि 2020 में Guru Purnima Kab Hai और इस दिन के बारे में सब कुछ।

इस वर्ष गुरु पूर्णिमा कब है?

यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की जून-जुलाई के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 5 जुलाई 2020 को मनाया जा रहा है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल गुरु पूर्णिमा जुलाई में ही आती है। इस बार यह 16 जुलाई को है।

गुरु पूर्णिमा का हमारे हिंदू धर्म में विशेष महत्व है हिंदुओं में गुरु का स्थान सर्वश्रेष्ठ है। हमारे यहां गुरुओं को भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया गया है। गू का अर्थ है अंधकार और उनका अर्थ है प्रकाश।

अर्थात – वह गुरु ही है जो अज्ञानता रूपी अंधकार में प्रकाश रूपी दीपक जला दें। जो हमें सही मार्ग दिखाएं। यही कारण है कि देशभर में गुरु पूर्णिमा का उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।

माना जाता है कि इस दिन तमाम ग्रंथों की रचना करने वाले महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास यानी महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। वे संस्कृत के महान विद्वान थे।

महाभारत जैसा महाकाव्य भी इन्हीं की देन है।

सभी 18 पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी को माना जाता है। वेदों को विभाजित करने का श्रेय इन्हीं को दिया गया है। इसीलिए तो इनका नाम वेदव्यास पड़ा था। इनको आदिगुरु भी कहा जाता है।

इसी कारण गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा की जाती है। इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) भी है।

guru purnima kab hai - Exclusive Samachar

गुरुओं का हमारे जीवन में महत्व

Guru Purnima Ka Mahatva: इस संसार में गुरु के बिना शिष्य के जीवन का कोई अर्थ नहीं है। आदि काल से ही,अर्थात रामायण से लेकर महाभारत तक गुरुओ का स्थान ऊंचा व महत्वपूर्ण रहा है। गुरु की महत्वता को देखते हुए संत कबीर दास जी ने अपने एक दोहे में लिखा है।

गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाए।
बलिहारी गुरु अपने गोविंद दिए मिलाए।।

अर्थात – गुरु का स्थान भगवान से भी कहीं जाता ऊपर होता है। गुरु पूर्णिमा का यह पर्व महर्षि वेदव्यास जी के जन्म दिवस के रुप में मनाया जाता है। महर्षि वेदव्यास जी जो कि पराशर जी के पुत्र थे। इन्होने चारों वेदों को अलग-अलग खंडों में विभाजित करके उनके नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अर्थ वेद रखे थे। वेदों का इस तरह खंडों में करने के कारण से ही ये वेदव्यास जी के नाम से प्रसिद्ध हुए।

गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि

जैसा कि ऊपर भी जिक्र हुआ है, कि हमारे हिंदू धर्म में गुरुओं का दर्जा भगवान से भी बढ़कर है। गुरुओं के द्वारा ही ईश्वर की प्राप्ति की जा सकती है। तो आइए जानते हैं ऐसे में हमे अपने गुरु की पूजा किस तरह करनी चाहिए।

  • सबसे पहले गुरु पूर्णिमा के दिन जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र ग्रहण करें।
  • फिर अपने गुरु की प्रतिमा या चित्र को सामने रखकर पूजा अर्चना करें।
  • इस दिन हम किसी भी ऐसे इंसान की पूजा कर सकते हैं जिसे हम अपना गुरु मानते हैं। फिर चाहे
    वह हमारे गुरु हो शिक्षक, माता-पिता, भाई-बहन या दोस्त ही क्यों ना हो।
  • इस दिन हम किसी गरीब व जरूरतमंद इंसान की मदद कर सकते हैं।
  • जैसा कि आप सभी को पता है। बाहर कोरोना चल रहा है तो ऐसे में प्रयास करें कि अपने घर में रहकर ही अपने गुरु की पूजा अर्चना करें, ध्यान व सिमरन करें।

अपने गुरु के सामने जब भी जाए तो उन्हें झुककर प्रणाम करें क्योंकि

“जो झुक गया सो पा गया।

जो तन गया सो गवा गया।।”

गुरु ऐसा हो जो लोगों के नशे छुड़वाए, बुराइयां छुड़वा कर इंसानियत का पाठ पढ़ाए, किसी जरूरतमंद व गरीब की मदद करने की प्रेरणा दे। इस कलयुग में ऐसे गुरु होना गुरु का होना बहुत जरूरी है।

पीएम मोदी ने पिछली बार देश को 12 मई को संबोधित किया था, आज 30 जून को फिर से PM मोदी ने देश को संबोधित किया है और कोरोना से देश के लोगों को बचाने के लिए सख्त हिदायतें दी हैं। PM मोदी का एक एक लफ्ज़ बड़ा ही महत्वपूर्ण है, जो उन्होंने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा है।

PM मोदी का आज शाम 4 बजे भारत का चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर, डिजिटल sites को लेकर , कोरोना को लेकर राष्ट्र के नाम संबोधन बड़ा ही महत्वपूर्ण रहा।

PM मोदी ने कहा कि हम कोरोना से लड़ते हुए अनलॉक-2 में प्रवेश कर रहे हैं, उन्होने ने कहा कि दूसरे देशों के साथ अगर तुलना करें तो भारत संभली हुई स्थिति में हैं । समय पर लिये गये LOCKDOWN के फैंसले ने लाखों भारतीयों की जान बचाई है। लेकिन LOCKDOWN खुलने के बाद देश के अंदर व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही देखने को मिल रही है। PM मोदी ने कहा पहले हम मास्क, 2 गज की दूरी और 20 सेकंड तक हाथ धोने को लेकर काफी सतर्क थे, लेकिन आज जब हमें ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है तब हम लापरवाही बरत रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे, हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा।

prime minister's address to the nation - exclusive samachar

लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था। अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक देश के पीएम पर 13 हजार का जुर्माना इसलिए लग गया क्योंकि वह सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहने बिना गए थे। भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए। यह करोड़ों भारतीयों की रक्षा करने का अभियान है। भारत में गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री, कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि lockdown के दौरान देश की सर्वोच्च प्राथमिकता यही है कि ऐसी स्थिति न आये कि किसी गरीब के घर चूल्हा न जले इसके लिए केंद्र , राज्य और सिविल सोसाइटीज़ के लोगों ने पूरा प्रयास किया कि कोई भी गरीब भाई बहन भूखा न सोए।

One Nation One Ration Card

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक देश और एक राशन कार्ड की व्यवस्था हो रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा जो रोजगार के लिए अपना गांव या शहर छोड़कर कहीं और जाते हैं या किसी और राज्य में जाते हैं।

प्रधानमंत्री का नमन और अभिनंदन तथा मुफ्त अनाज मिलने का श्रेय

आज अगर गरीब भाइयों को मुफ्त में अनाज मिल रहा है तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है
सबसे पहले देश के मेहनती अन्नदाता किसान और दूसरे देश के ईमानदार taxpayer।
इनके समर्पण से ही आज देश का गरीब इतने संकट की घड़ी में अपने आप को बचा पा रहा है।

अब नवंबर तक मिलेगा 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन

त्योहारों की लड़ी में क्योंकि अब 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है। फिर रक्षा बंधन, 15 अगस्त, नवरात्रे, दशहरा, दीपावली, ओणम ,छठ पूजा इत्यादि त्यौहार आने वाले महीनों में आएंगे। इसलिए गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मिलने वाले राशन को नवंबर महीने के अंत तक बढ़ा दिया गया है।